नई दिल्ली. दिल्ली हाई कोर्ट ने इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर लगाए गए बैन को उचित ठहराया है. जाकिर की संस्था ने दिल्ली हाई कोर्ट में उनकी संस्था पर लगाए गए प्रतिबन्ध को चुनौती दी थी. इस अर्जी को ख़ारिज करते हुए हाई कोर्ट ने कहा हाई कि गृह मंत्रालय ने जो बैन लगाया है उसके लिए उसके पास पर्याप्त सबूत मौजूद है.
हाई कोर्ट के जस्टिस सजीव सचदेवा की बेंच ने इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर प्रतिबंध के खिलाफ अर्जी ख़ारिज की है. हाई कोर्ट ने कहा नाईक के संगठन पर प्रतिबन्ध लगाने का केंद्र का फैसला भारत की संप्रभुता और अखंडता की सुरक्षा के लिए लिया गया था. जाकिर नाइक ने इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय के 17 नवंबर 2016 के नोटिफिकेशन को चुनौती दी थी.
सरकार ने गैर क़ानूनी गतिविधि कानून की संबंधित धाराओं के तहत संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस मामले में नोटिफिकेशन को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने इस सम्बन्ध में गृह मंत्रालय से नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. गृह मंत्रालय ने बैन के लिए मटीरियल कोर्ट में पेश किया था. तमाम दस्तावेज गोपनीय थे और उसे सील बंद लिफाफे में कोर्ट के सामने रखा गया था. केंद्र सरकार ने कहा कि इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को इसलिए प्रतिबन्ध लगाया क्योंकि इस बात का डर है कि संगठन युवाओं को टेरर ग्रुप जॉइन करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.
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