नई दिल्ली: पीएम केयर्स फंड को लेकर दाखिल की गई एक याचिका पर आज बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। अदालत ने इस मामले पर केंद्र सरकार द्वारा 1 पेज का जवाब दाखिल करने पर आपत्ति जताई। उच्च न्यायालय ने कहा कि इतने अहम मुद्दे पर आप 1 पेज का जवाब कैसे दायर कर सकते हैं? इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को 4 हफ़्तों के अंदर विस्तृत जवाब देने को कहा है। मामले पर चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने सुनवाई की।
अदालत ने सुनवाई करते हुए कहा कि, 'आपने जवाब दायर कर दिया है। इतने अहम मुद्दे पर एक पेज का जवाब? इससे आगे कुछ नहीं? वरिष्ठ अधिवक्ता (याचिकाकर्ता) जो दलील दे रहे हैं, उसके संबंध में कुछ भी नहीं है। आपको जवाब दायर करना होगा। ये मामला इतना आसान नहीं है, हम एक व्यापक जवाब चाहते हैं। बता दें कि याचिकाकर्ता सम्यक गंगवाल ने 2021 में वरिष्ठ वकील श्याम दीवान के माध्यम से याचिका दाखिल की थी। उन्होंने कोर्ट से अनुच्छेद 12 के तहत पीएम केयर्स फंड को सरकारी फंड घोषित करने और समय-समय पर पीएम केयर्स वेबसाइट पर ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की है। इस पर मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई।
पीएम केयर्स फंड से संबंधित मुद्दे की अहमियत समझते हुए अदालत ने इस मसले पर विस्तृत जवाब देने की मांग की है। केंद्र की ओर से पेश हुए वकील ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता की इसी प्रकार की याचिका में पहले ही विस्तृत जवाब दाखिल किया जा चुका है। केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए ये सभी तर्क, फैसले के लिए प्रासंगिक हैं। इस पर अदालत ने कहा कि मामला निश्चित रूप से सुप्रीम कोर्ट तक जाएगा और हमें फैसला लेना होगा। फैसला देना भी होगा। उठाए गए सभी मुद्दों से निपटना होगा, इसलिए इस मुद्दे पर विस्तृत जवाब दाखिल किया जाए। अदालत ने कहा कि चार सप्ताह में विस्तृत जवाब दायर किया जाए। यदि इसके बाद कोई इसके बाद कोई प्रत्युत्तर हो तो उसे भी दो हफ्ते में दाखिल किया जाए।
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