नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के आनंद विहार बस स्टैंड और यूपी कौशाम्बी बस स्टैंड पर रोजी-रोटी और कोरोना महामारी की लड़ाई में एक बार फिर प्रवासी मजदूर हार चुके हैं। जिसके बाद श्रमिक पलायन करने पर मजबूर हो गये हैं। गत वर्ष की तरह सैकड़ों किलो मीटर पैदल न चलना पड़े इस डर से प्रवासी मजदूर दिल्ली छोड़ अभी से अपने घर लौट रहे हैं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों ने सरकार को भी बेचैन कर दिया है। जिसके बाद दिल्ली में सोमवार रात 10 बजे से 26 अप्रैल को सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन लागू कर दिया है। घोषणा होते ही प्रवासी श्रमिक अपने घर भागने लगे हैं। क्या बच्चे और क्या बुजुर्ग सभी सर पर सामना लादे फिर अपने घर भागने लगे हैं। तपती धूप में मानो पसीना शरीर को भिगो रहा है, किन्तु रोजी रोटी खोने के डर से पलायन करना अधिक आसान नज़र आ रहा है। बस स्टैंड पर मौजूद प्रवासी श्रमिक मनोज ने बताया कि, "लॉकडाउन के चलते गांव जा रहा हूं, गरीब आदमी हूं कमरे का किराया कैसे दूंगा। कंपनी बंद हो जाएंगी कहां से कमा कर खाऊंगा, गत वर्ष 4 महीने का किराया भरा था, जो जेब से देना पड़ा था। छोटे छोटे बच्चे हैं बहुत समस्या होती है, अब वापस नहीं आऊंगा।"
प्रेम सागर ने आगे कहा कि, "गांव जा रहा हूं, काम बंद हो जाएगा फिर कहां से कमाऊंगा ? अब जब फिर से काम शुरू होगा तब आऊंगा।" दिल्ली और गाजियाबाद के अलग अलग हिस्सों से सड़कों के जरिए लोग बस स्टैंड पहुंच रहे हैं, एक के ऊपर एक बैठे प्रवासी श्रमिक फिलहाल कोरोना बीमारी भूल चुके हैं। याद महज इतना है कि घर वापस पहुंचना है।
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