नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम के बौद्ध महासभा के आयोजन में शामिल होने पर भाजपा ने सवाल खड़े किए हैं। भाजपा प्रवक्ता हरीश खुराना ने आरोप लगाते हुए कहा है कि केजरीवाल सरकार के मंत्री ने हिंदुओं के इष्ट देवताओं का तिरस्कार किया है। उनके अलावा भाजपा नेता कपिल मिश्रा और पार्टी के लोकसभा सांसद मनोज तिवारी ने भी इस कार्यक्रम पर सवाल खड़े किए हैं। बताया जा रहा है कि इस घटना को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल भी राजेंद्र पाल गौतम से खफा हैं।
इतना हिंदू विरोधी क्यों है AAP ? हिंदू धर्म के ख़िलाफ़ शपथ ले भी रहे है और दिला भी रहे है ये aap के मंत्री #HinduVirodhikejriwal pic.twitter.com/uGeph1m9q6
— Manoj Tiwari ???????? (@ManojTiwariMP) October 7, 2022
दरअसल, दिल्ली की AAP सरकार में समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम बौद्ध महासभा के आयोजन में पहुंचे थे। जिसमें राम-कृष्णा जैसे हिंदुओं के देवी-देवताओं को नहीं मानने की शपथ दिलाई गई। उस वक़्त स्टेज पर राजेंद्र पाल गौतम भी उपस्थित थे और वो भी शपथ ग्रहण कर रहे थे। इसको लेकर भाजपा ने AAP को आड़े हाथों लिया है। भाजपा प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा है कि जहां चुनाव होते हैं, वहां केजरीवाल और उनके नेता जय श्री राम और कृष्ण कहते नहीं थकते हैं, मगर जहां सत्ता में होते हैं, वहां वे हिन्दू धर्म का और उनकी आस्था का इस तरह अपमान करते हैं।
वहीं, भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट करते हुए कहा है कि केजरीवाल के मंत्री दिल्ली में हिंदुओं और हिंदू देवी-देवताओं को गाली दे रहे हैं और खुद केजरीवाल गुजरात में जय श्री कृष्णा के नाम पर वोट मांग रहे हैं। AAP अब गरीब हिंदुओं को मुफ्त सामान देकर धर्म परिवर्तन कराने वाली एजेंसी बन चुकी है। वहीं, भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने नागपुर कार्यक्रम का वो वीडियो साझा किया है, जिसमें हिंदू धर्म के देवी-देवताओं को नहीं मानने की शपथ ली जा रही है। ट्विटर पर वीडियो साझा करते हुए मनोज तिवारी ने पूछा कि AAP इतनी हिंदू विरोधी क्यों है? AAP के मंत्री हिंदू धर्म के खिलाफ शपथ ले भी रहे हैं और दूसरे लोगों को भी दिला रहे हैं।
विश्व हिंदू परिषद (VHP) के प्रवक्ता विनोद बंसल ने भी AAP मंत्री के इस बयान पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जिहादी तुष्टीकरण व ईसाई मिशनरियों के संरक्षण के साथ अब AAP सरकार दिल्ली में धर्मांतरण के सार्वजनिक अड्डे भी चलाने लगी? दिल्ली के मंत्री खुद हिंदू देवी देवताओं के खिलाफ लोगो को शपथ दिला रहे हैं। राजनीति का निकृष्टम हिंदू द्रोही चेहरा और क्या होगा!! कठोरतम कार्यवाही जरूरी है।
बता दें कि, विश्व में बौद्ध धर्म के सबसे बड़े धर्मगुरु दलाई लामा, सदियों से भारत में रह रहे हैं। बौद्ध धर्म के सर्वोच्च नेता होकर भी दलाई लामा खुलकर सनातन धर्म का समर्थन करते हैं। साथ ही दलाई लामा कई बार शिवलिंग की पूजा करते हुए भी नज़र आ चुके हैं। यहाँ तक कि, हिन्दू धर्म ग्रंथों में भगवान बुद्ध को राम-कृष्ण की तरह भगवान विष्णु का अवतार बताया गया है। यहाँ तक कि चीन व अन्य देशों के बौद्ध भी सनातन धर्म को अपनी ही पूजा पद्धति के समान मानते हुए उसका सम्मान करते हैं, किन्तु भारत में कुछ राजनेता ही नवबौद्धों को हिन्दू धर्म के खिलाफ भड़काकर अपने तुच्छ सियासी हित साधने में लगे रहते हैं। लोगों को भी यह समझने की आवश्यकता है कि, हिन्दू और बौद्ध धर्म में जितनी समानताएं हैं, उसके अनुपात में भेद काफी कम हैं। अंग्रेज़ों ने भी हमपर इसी तरह फुट डालो राज करो की नीति का इस्तेमाल कर शासन किया था। आज भी अगर हम इसी तरह आपस में लड़कर बिखरते रहे तो फिर कोई विदेशी शक्ति इसका लाभ उठाएगी और खामियाज़ा हमें भुगतना पड़ेगा।
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