नई दिल्ली: देश में अभी बीते कुछ समय से कई तरह के बदलाव किए गए है वही दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बीते दो महीने में 16 अवैध प्लास्टिक उत्पादन इकाइयों को कामकाज बंद करने के आदेश दिए हैं। अफसरों ने यह खबर दी। एक अफसर ने कहा कि डीपीसीसी के दलों ने बवाना तथा नरेला औद्योगिक इलाकों में फरवरी और मार्च के चलते 25 औद्योगिक इकाइयों का मुआयना किया था तथा पाया था कि इनमें से केवल नौ ही नियमों का पालन कर रही हैं।
वहीं 16 इकाइयां प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम, 2016 का उल्लंघन करती पाई गईं। अफसर ने बताया, ‘‘इन्हें संचालन के लिए डीपीसीसी से अनुमति प्राप्त नहीं है। इनके ओर से बनाए जा रहे प्लास्टिक के थैलों की मोटाई उचित (50 माइक्रोन्स से कम) नहीं थी। उन्होंने बताया कि नियमों का पालन नहीं कर रही इन 16 इकाइयों को कामकाज बंद करने के लिए बताया गया है तथा पर्यावरण को क्षति पहुंचाने के लिए मुआवजे के रूप में इन पर 12।22 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
वही एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2022 तक दिल्ली को ‘जहरीली’ प्लास्टिक से छुटकारा प्राप्त हो सकता है। 50 माइक्रोन तक की प्लास्टिक से बने चीजों का इस्तेमाल ही नहीं, बल्कि इनका उत्पादन भी बंद किया जाएगा। इसे लेकर एनजीटी और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की कठोरता के पश्चात् दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) दिल्ली पार्क गार्डन सोसायटी के साथ मिलकर अभियान छेड़ दिया है। इसमें ऐसे उत्पाद बनाने वाली इकाइयों के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है।
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