नई दिल्ली: दिल्ली के हमेशा सुर्ख़ियों में घिरे रहने वाले जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के देशद्रोह मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामले में आज दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा है कि हम वीडियो देखेंगे और अगर दिल्ली की केजरीवाल सरकार इसकी इजाजत नहीं देगी, तो भी हम 11 मार्च को सबूत का वीडियो देखकर कार्रवाई आगे बढ़ाएंगे।
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इससे पहले हुई सुनवाई में पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली की आप सरकार द्वारा याचिका को मंजूरी न मिलने पर नाराजगी जाहिर की थी। अदालत ने दिल्ली सरकार को लताड़ लगाते हुए कहा था कि वो फाइल पर बैठ नहीं सकती है। अदालत ने सवाल किया था कि अब तक दिल्ली सरकार ने इसे इजाजत क्यों नहीं दी, इसके पीछे कारण क्या है? सरकार इस पर अपना रुख साफ़ करें। उल्लेखीय है कि पुलिस ने जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 को आयोजित किए गए एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारे लगाने को लेकर दायर किए गए 1200 पन्ने के आरोपपत्र में विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को अभियुक्त बनाया है।
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पुलिस ने कोर्ट में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित अन्य के विरुद्ध 1200 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल करते हुए कहा था कि वे परिसर में एक कार्यक्रम की अगुवाई कर रहे थे और उन पर फरवरी 2016 में यूनिवर्सिटी कैंपस में देश विरोधी नारों का समर्थन करने का आरोप है। आपको बता दें कि जेएनयू में ''अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिन्दा हैं'' और ''भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाअल्लाह इंशाल्लाह'' जैसे देश विरोधी नारे लगे थे।
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