नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में चोरी की ताबड़तोड़ वारदातों को बांग्लादेशी गैंग अंजाम दे रहा था। कविनगर पुलिस ने गैंग का भंडाफोड़ करते हुए सरगना सहित चार लोगों को अरेस्ट कर लिया है। जिन्होंने महज एक महीने के अंदर कविनगर, मधुबन बापूधाम और मसूरी थानाक्षेत्र में चोरी की 17 वारदात करना स्वीकार किया है। पुलिस को आरोपियों के कब्जे से सोने-चांदी के जेवर, 1.07 लाख रुपये तथा ताले और कुंडी काटने वाले औजार मिले हैं।
पुलिस का कहना है कि गिरोह में शामिल दो सर्राफ सहित चार लोग अभी फरार हैं, जिनकी तलाश में छापेमारी की जा रही है। बीते कुछ दिनों से इन बांग्लादेशी चोरों ने कविनगर, मसूरी और मधुबन बापूधाम थानाक्षेत्र में चोरी की सिलसिलेवार वारदात शुरू कर दी थीं। एक रात में तीन-तीन वारदातें होने से पुलिस की परेशानी बढ़ गई थी। कुछ स्थानों पर चोर CCTV कैमरे में दर्ज हो गए थे, जिसके आधार पर पुलिस उनकी खोजबीन में जुटी हुई थी। पुलिस अधीक्षक सिटी निपुण अग्रवाल ने बताया कि कड़ी मशक्कत के बाद गैंग को ट्रेस कर लिया गया।
उन्होंने बताया कि गिरोह के सरगना सहित चार बदमाश अरेस्ट कर लिए गए हैं। आरोपियों की शिनाख्त थाना जहांगीरपुरी दिल्ली के सिटी पार्क स्थित झुग्गी निवासी मुगलेशुर, मंगलबाजार चौक जहांगीरपुरी निवासी आफताब, जी-ब्लॉक जहांगीरपुर निवासी करीम उर्फ लल्ला और मुरसलीन के रूप में हुई है। मुगलेशुर गिरोह का सरगना है। गिरोह से जुड़े जी-ब्लॉक जहांगीरपुरी निवासी गुलाम मुस्तफा, फिरोज, शारून और भलस्वा डेयरी दिल्ली निवासी राजाराम फरार बताए जा रहे हैं। इनमें से फिरोज और राजाराम चोरी का माल खरीदने का काम करते हैं।
बता दें कि, सभी चोर जिस जहांगीरपुरी में रहते हैं, वहीं पर हनुमान जयंती के समय हिन्दुओं द्वारा निकाली गई शोभायात्रा पर हमला किया गया था। ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि, हिन्दुओं पर हुए हमलों में बांग्लादेशियों का भी हाथ हो सकता है। इसी जहांगीरपुरी में जब प्रशासनिक अमला अतिक्रमण हटाने गया था, तब तमाम सियासी दलों के नेता अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई को मुस्लिम विरोधी कार्रवाई बताते हुए धरने पर बैठ गए थे। यहाँ तक कि, सुप्रीम कोर्ट तक से भी बुलडोज़र एक्शन पर रोक का आर्डर ले लिया गया था।
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