नई दिल्ली: कोरोना महामारी के संकट से निपटने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से गरीब-मजदूर वर्ग के लोगों का पलायन भी देखने को मिला था. वहीं अब दिल्ली के प्राइवेट बस मालिकों का कहना है कि दिल्ली सरकार ने पलायन के लिए बस चलाने का आर्डर दिया था. लॉकडाउन के कारण दिल्ली में हुए पलायन पर निजी बस मालिकों ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर संगीन आरोप लगाए हैं.
उनका कहना है कि 29 मार्च को दिल्ली सरकार की ओर से लिखित आदेश दिया गया था कि दिल्ली से पलायन करने वाले मजदूरों को बसों के माध्यम से उनके गांव तक छोड़ा जाए. आजतक के पास दिल्ली सरकार के उन आदेशों की प्रतिलिपि है, जिसमें पलायन करने वाले लोगों को उत्तर प्रदेश के लखनऊ, मुजफ्फरनगर, इटावा, प्रयागराज तक छोड़े जाने का आर्डर दिया गया था. इसके बाद कॉन्ट्रैक्ट बस सर्विस मालिकों ने तक़रीबन 350 बसें दिल्ली की सड़कों पर उतारी थी, जिनके माध्यम से पलायन करने वाले लोगों को उनके गांव और कस्बों तक पहुँचाया गया.
दिल्ली कॉन्ट्रैक्ट बस एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी हरीश सबरवाल ने कहा है कि दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग की तरफ से उनको 29 मार्च को ये आदेश दिया गया था. उसके बाद उन्होंने अपनी बसें सड़कों पर उतारीं. हालांकि देर रात होते-होते दिल्ली पुलिस ने इन सभी बसों को जब्त करना शुरू कर दिया और कई बसों को दिल्ली पुलिस ने अपनी हिरासत में भी ले लिया.
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