नई दिल्ली: राष्ट्रिय राजधानी दिल्ली में दिन प्रतिदिन ठंड बढ़ते जा रही है। सर्द हवाओं और गिरते तापमान ने राजधानी में शीतलहर की स्थिति उत्पन्न कर दी है। आज, 12 दिसंबर, को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कल के 4.9 डिग्री सेल्सियस से भी कम है। सुबह 5:30 बजे तापमान 4.8 डिग्री सेल्सियस रहा। राजधानी एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में सर्दी के इस चरम ने आम जनजीवन को प्रभावित किया है। अगले कुछ दिनों तक इस ठंड से राहत मिलने की संभावना नहीं है।
दिल्ली में आमतौर पर दिसंबर के अंत तक तापमान में इतनी गिरावट देखने को मिलती है, किन्तु इस बार पारा समय से पहले ही तेजी से गिरने लगा है। मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार, दिसंबर में सबसे कम तापमान आमतौर पर महीने के आखिरी हफ्ते में दर्ज किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, 2009 के बाद दिल्ली में सबसे कम तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस था, जो 30 दिसंबर 2013 और 28 दिसंबर 2019 को रिकॉर्ड किया गया था। बीते वर्ष 15 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था। इस वर्ष ठंड ने अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ने के संकेत दे दिए हैं।
तापमान गिरने के कारण
दिल्ली एवं उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में तापमान में गिरावट का मुख्य कारण पहाड़ों में हो रही भारी बर्फबारी है। बर्फबारी के पश्चात् ठंडी हवाएं ढलानों से नीचे आकर मैदानी इलाकों में प्रवेश कर रही हैं, जिससे ठंड बढ़ रही है। वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) पहाड़ों पर सक्रिय है। अगले दो दिनों तक वहां मौसम की गतिविधियां जारी रहने की संभावना है। हालांकि, पहाड़ों पर मौसम साफ होने के पश्चात् उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में तापमान और गिर सकता है।
शीतलहर के मानदंड
मैदानी इलाकों में शीतलहर की स्थिति तब घोषित की जाती है, जब न्यूनतम तापमान 10°C या उससे कम हो तथा निरंतर 2 दिनों तक यह सामान्य से 4.5°C कम बना रहे। हालांकि, छोटे क्षेत्रों जैसे दिल्ली में यह मानदंड एक दिन के लिए भी पूरा हो जाए तो शीतलहर मानी जाती है। दूसरा मापदंड तब लागू होता है, जब न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो। छोटे क्षेत्रों जैसे दिल्ली में, अगर ये मानदंड एक दिन के लिए भी पूरे होते हैं, तो इसे शीतलहर माना जाता है। इस समय दिल्ली में यही स्थिति बनी हुई है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों तक राजधानी में ठंड इसी प्रकार बनी रहेगी। हालांकि, पहाड़ों पर सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के खत्म होने के पश्चात् ठंडी हवाओं के और तेज होने की संभावना है, जिससे तापमान में और गिरावट आ सकती है। वही सर्दी के इस मौसम में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सावधानी बरतने की सलाह दी है।