नई दिल्ली: दिल्ली दंगों के आरोपित और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र उमर खालिद को 7 दिनों की अंतरिम जमानत दी गई है। खालिद को यह जमानत अपनी बहन के निकाह में शामिल होने के लिए मिली है। बता दें कि, उमर खालिद को 23 दिसंबर को जेल से रिहा किया जाएगा और 30 दिसंबर को उसे सरेंडर करना होगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली दंगों के ‘मास्टर माइंड’ उमर खालिद ने अपनी जमानत याचिका में अपनी बहन के निकाह में शामिल होने के लिए 14 दिन की अंतरिम जमानत माँगी थी। हालाँकि, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने खालिद की 7 दिन की जमानत को मंजूरी दी है। अदालत ने उमर खालिद की जमानत में लाइव लोकेशन साझा करने सहित कई शर्तें भी रखीं है। दरअसल, उमर खालिद के वकील ने उसकी जमानत के लिए दलील देते हुए कहा है कि उमर खालिद न तो किसी तरह के इंटरव्यू देगा और न ही मीडिया के किसी व्यक्ति से बातचीत करेगा। बता दें कि फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों को लेकर उमर खालिद गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और IPC की धाराओं के तहत दिल्ली में दंगे को भड़काने का आरोपित है।
बता दें कि फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान, नार्थ ईस्ट दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में हिन्दू-मुस्लिम दंगे भड़क उठे थे। इन दंगों में पुलिसकर्मियों सहित कुल 53 लोग मारे गए थे, जबकि 700 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। इन्ही दंगों का एक मुख्य आरोपी आम आदमी पार्टी (AAP) का पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन भी है। जिसके खिलाफ सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि, हिंसक भीड़ का मकसद केवल और केवल हिन्दुओं को मारना और उन्हें नुकसान पहुंचाना ही था, जिसके लिए तत्कालीन AAP पार्षद ताहिर हुसैन के घर को एक बेस की तरह इस्तेमाल किया गया। यही कारण है कि, इन दंगों को हिन्दू विरोधी दंगे भी कहा जाता है।
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