नई दिल्ली: वर्ष 2020 के हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों का आरोपित और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) का पूर्व छात्र उमर खालिद अपनी बहन के निकाह से लौटकर 30 दिसंबर 2022 को वापस तिहाड़ आ गया है। दिल्ली की एक कोर्ट ने खालिद को निकाह में शामिल होने के लिए 7 दिन की अंतरिम जमानत पर जेल से रिहा किए जाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने उमर खालिद को 30 दिसंबर 2022 को सरेंडर करने के लिए कहा था। अंतरिम जमानत की 7 दिनों की अवधि के दौरान उमर खालिद को किसी भी किस्म के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल और मीडिया से बातचीत करने से इंकार किया था।
रिपोर्ट के अनुसार, 31 दिसंबर 2022 को उसके अब्बू और प्रतिबंधित इस्लामी आतंकी संगठन SIMI के पूर्व सदस्य सैयद कासिम रसूल इलियास ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है कि खालिद जेल वापस आ गया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनका परिवार ‘न्याय की जीत’ का इंतज़ार करेगा। उमर खालिद को दिल्ली पुलिस ने 2020 के हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों में उसकी भूमिका सामने आने के बाद अरेस्ट किया था। अन्य लोगों के साथ खालिद को गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और IPC के प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया गया था।
बता दें कि, इन दंगों में उमर खालिद को मास्टरमाइंड बताया गया है। नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के नाम पर बड़े स्तर पर हिंसा की गई थी। इन दंगों के दौरान 53 लोगों की मौत हुई थी और 700 लोग जख्मी हो गए थे। गत वर्ष अक्टूबर में दिल्ली उच्च न्यायालय ने खालिद की जमानत याचिका ठुकरा दी थी। इसमें कहा गया है कि प्रथम दृष्टया CAA और NRC के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन के परिणामस्वरूप दंगे हुए थे। उसके लिए आयोजित विभिन्न मीटिंग्स में खालिद ने हिस्सा लिया था।
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