नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की एक ब्रांच में काम करने वाली एक महिला ने सर गंगाराम अस्पताल में उपचार के बाद 30 वर्ष बाद ठीक से मुंह खोलने में कामयाबी पाई है। अस्पताल के डॉक्टरों ने दुर्लभ सर्जरी के बाद महिला को नया जीवन दिया है। आस्था नामक महिला जन्मजात विकार से ग्रसित थी। उसके जबड़े की हड्डी मुंह के दोनों ओर से खोपड़ी की हड्डी से जुड़ गई थी। उसके वजह से वह अपना मुंह नहीं खोल पाती थी।
यहां तक कि, वह अपनी उंगली से अपनी जीभ को छू तक नहीं सकती थी। वह तरल पदार्थ पर जीवित थी। मुंह न खुलने से उसके दांतों में संक्रमण हो गया था और इसके कारण कुछ ही दांत बचे थे। एक आंख से देख भी नहीं सकती थी। सबसे बड़ी समस्या यह थी कि उसका पूरा चेहरा ट्यूमर की खून भरी नसों से भरा हुआ था। इसके चलते कोई भी अस्पताल सर्जरी के लिए तैयार नहीं था। उनका परिवार भारत, यूनाइटेड किंगडम और दुबई के बड़े अस्पतालों में भी दिखा चुका था। सभी ने सर्जरी के लिए मना कर दिया।
सर गंगागराम अस्पताल के सीनियर प्लास्टिक सर्जन ने बताया कि जब हमने रोगी को देखा तो परिवार को बताया कि सर्जरी बहुत ही मुश्किल है और अत्यधिक रक्तस्राव से ऑपरेशन टेबल पर मौत भी हो सकती है। हमने प्लास्टिक सर्जरी, वैस्कुलर सर्जरी एवं रेडियोलॉजी विभाग की टीम बुलाई और काफी विचार विमर्श करने के बाद इस जटिल सर्जरी को अंजाम देने का निर्णय लिया। ऑपरेशन से तीन सप्ताह पहले मरीज के चेहरे पर एक खास इंजेक्शन (स्क्लेरोसैंट) लगाया गया, जिससे खून से भरी नसें थोड़ी बहुत सिकुड़ जाती हैं। उसके बाद इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया । पूरी तरह से सफल ऑपरेशन में साढ़े तीन घंटे का समय लगा।
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