नई दिल्ली: दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र के कुछ हिस्सों में 11 नवंबर को 16 घंटे तक पानी की आपूर्ति नहीं होगी। दिल्ली जल बोर्ड ने शनिवार को यह जानकारी दी और बताया कि रखरखाव कार्य के कारण यह समस्या उत्पन्न होगी। प्रभावित क्षेत्रों में रोहिणी सेक्टर-6, सेक्टर-7, सेक्टर-8 और उनके आसपास के इलाके शामिल हैं। यह कार्य सुबह 10 बजे से शुरू होगा और 16 घंटे तक चलेगा, जिससे शाम तक पानी की आपूर्ति बंद रहेगी। 12 नवंबर की सुबह पानी कम दबाव से मिलेगा।
दिल्ली जल बोर्ड ने इस दौरान निवासियों से पानी का विवेकपूर्ण उपयोग करने की अपील की है और कहा कि पानी के टैंकर जरूरत पड़ने पर उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही, मुख्यमंत्री आतिशी ने जल बोर्ड में जीपीएस पोर्टल को लाइव करने का ऐलान किया, जिसके माध्यम से पानी के टैंकरों और सीवर सफाई मशीनों की रियल टाइम ट्रैकिंग की जाएगी। इस कदम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पानी के टैंकर सही समय पर और निर्धारित स्थानों पर पहुंचें, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।
अब सवाल यह उठता है कि दिल्ली की राजधानी में पानी की कमी इतनी बड़ी समस्या बन चुकी है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) पिछले 10 वर्षों से दिल्ली की सरकार चला रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लोगों से कह रहे हैं कि पानी का बिल न भरें, क्योंकि उनका दावा है कि वे फिर सत्ता में आएंगे और लोगों का बिल माफ कर देंगे। लेकिन क्या यह AAP सरकार की नाकामी नहीं मानी जाएगी कि एक राष्ट्रीय राजधानी में लोगों को पानी जैसी मूलभूत सुविधा तक ठीक से उपलब्ध नहीं हो पा रही है, जबकि सत्ता में रहते हुए वे इसका समाधान नहीं कर पाए? यह सवाल उठाता है कि सरकार की प्राथमिकताओं में पानी जैसी जरूरी सेवाएं कहां हैं।
बात केवल मरम्मत की नहीं है, इससे पहले जब दिल्ली में पानी की किल्लत हुई थी, तो जल मंत्री आतिशी ने उसका समाधान खोजने की जगह धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था, कुछ दिनों में बारिश हो गई और उनका धरना ख़त्म हुआ। हर साल दिल्ली, पानी की किल्लत, वायु प्रदूषण और झाग वाली यमुना का सामना करती है, क्या देश की राजधानी होने के नाते यही उसका भाग्य है ?
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