नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ दिल्ली के दरियागंज में शुक्रवार (20 दिसंबर) को हुए हिंसक प्रदर्शन प्रकरण में तीस हजारी कोर्ट ने 15 आरोपियों की जमानत याचिका ठुकरा दी है. बता दें कि इन 15 आरोपियों ने शुक्रवार (20 दिसंबर) की शाम को दरियागंज डीसीपी कार्यालय के बाहर खड़ी कार को आग के हवाले कर दिया था. जिसके बाद भीड़ ने पुलिस पर पथराव भी किया था और कई अन्य गाड़ियों को क्षतिग्रस्त किया था.
गौरतलब है कि CAA के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने के आरोपियों की ओर से सिनियर वकील रेबेका जोन्स पेश हुईं. जॉन ने उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि दंगा के मामलों का बहुत सावधानी से मूल्यांकन करने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि इन हिरासत में लिए गए लोगों को 41A के मुताबिक कोई नोटिस नहीं दिया गया था. आईओ ने कोर्ट को बताया कि डीसीपी दफ्तर पर भी पथराव किया गया. पथराव के कारण कई लोग जख्मी भी हुए हैं.
शुक्रवार (20 दिसंबर) को दिल्ली की जामा मस्जिद में नागरिकता अधिनियम को लेकर उग्र विरोध प्रदर्शन हुआ था. प्रदर्शनकारी जुमे की नामज के बाद जंतर-मंतर तक मार्च निकालने वाले थे. लेकिन उन्हें पुलिस ने दिल्ली गेट पर ही रोक दिया था. शाम को प्रदर्शनकारियों ने दरियागंज डीसीपी कार्यालय के बाहर खड़ी गाड़ी में आग लगा दी थी. उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए पुलिसबल को पानी की बौछारों का उपयोग करना पड़ा. हंगामे के बाद दरियागंज में भारी पुलिस बल तैनात किया गया.
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