भारत की संसद से पास होने के बाद नागरिका कानून का काफी विरोध देखने को मिल रहा है. नागरिकता विरोधी कानून के विरोध में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दिसंबर में बसपा का एक प्रतिनिधिमंडल भेजने वाली पार्टी की मुखिया मायावती दिल्ली में हिंसा को लेकर बेहद दुखी हैं. उन्होंने इसको लेकर राष्ट्रपति को अब एक पत्र भी प्रेषित किया है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संबोधित पत्र में लिखा है कि दिल्ली में हुए दंगो में जिन लोगों की जान माल का नुकसान हुआ है, उन्हें सहायता दी जाए. आप इसको लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार को शीघ्र निर्देशित करें ताकि दंगा पीडि़तों को दर-दर भटकने की नौबत न आए. वह लोग बेहद परेशान हैं. मायावती ने लिखा है कि दिल्ली के दंगे 1984 में हुए सिख दंगों की तरह हैं. एक बार फिर घातक दंगों से दिल्ली दहल गई है. दिल्ली में हुई घटना दुनिया भर में नेगेटिव चर्चा का विषय बना हुआ है. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार की इस घटना पर पर विशेष जिम्मेदारी बनती है.
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अपने बयान में आगे मायावती ने कहा कि भाजपा न खुद ऐसा कोई काम करें और न ही पार्टी के लोग किसी तरह का उग्र बयान दें, जिससे देश में अराजकता का माहौल बने. उन्होंने लिखा है कि भाजपा और इसकी सरकार अपने कानूनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को निभाने में काफी हद तक विफल रही है. इस हिंसा के कारण दिल्ली में अब तक तीन दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हुईं और 200 लोग घायल हैं. उन्होंने मांग की है कि दिल्ली में हुए दंगो में जिन लोगों की जान माल का नुकसान हुआ है, उन्हें सहायता दी जाए. केंद्र और दिल्ली सरकार को आप निर्देशित करें ताकि दंगा पीडि़तों को दर-दर भटकने की नौबत न आए. बसपा सुप्रीमो ने लिखा है कि दिल्ली के दंगों के पीछे पुलिस प्रशासन की भी कोताही जगजाहिर है.
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