नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपनी साफगोई एवं मुखर बोलने के लिए जाने जाते हैं। एक बार फिर उन्होंने स्वयं का चुनावी किस्सा सुनाते हुए बताया कि कैसे वे एक-एक किलो मटन बांटने के पश्चात् भी चुनाव हार गए थे। उन्होंने कहा कि मतदाता बहुत होशियार हैं, वे माल सबका खाते हैं तथा वोट उसी को देते हैं, जिसे उन्हें देना होता है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद की तरफ से आयोजित समारोह में सम्मिलित होने पहुंचे थे। इस के चलते उन्होंने बताया, लोग चुनाव में पोस्टर लगाकर, खिला-पिलाकर जीत के आते हैं। लेकिन इसमें मेरा भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा, मैंने कई चुनाव लड़े हैं। मैं सब प्रयोग कर चुका हूं। मैंने एक बार एक प्रयोग किया था तथा एक-एक किलो सावजी मटन घरों में पहुंचाया। मगर हम चुनाव हार गए। गडकरी ने कहा, लोग बहुत होशियार हैं। लोग बोलते हैं, जो दे रहा है, उसका खा लो। अपने बाप का ही माल है। किन्तु वोट उसी को देते हैं, जिसे देना होता है। उन्होंने कहा, जब आप अपने लोगों में भरोसा पैदा करते हो, तभी वे तुम पर भरोसा करते हैं तथा उसे कोई भी पोस्टर बैनर की आवश्यकता नहीं पड़ती। ऐसे वोटर को किसी भी लालच की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उसको आप पर भरोसा होता है और यह लोंग टर्म है कोई शार्ट टर्म नहीं है।
गडकरी ने कहा, होर्डिंग्स लगाने या मटन पार्टी देने से कोई चुनाव नहीं जीता जा सकता। जनता का भरोसा और प्यार बनाएं। चुनाव के चलते प्रलोभन दिखाने की जगह लोगों के दिलों में विश्वास और प्यार पैदा करें। नितिन गड़करी ने कहा, लोग बोलते हैं सर MP का टिकट दे दो। यदि नहीं तो MLA का टिकट दे दो। नहीं तो MLC बना दो। ये नहीं तो आयोग दे दो, ये सब भी नहीं तो मेडिकल कॉलेज दे दो। मेडिकल कॉलेज नहीं तो इंजीनियरिंग कॉलेज या फिर Bed कालेज दे दो। यह भी नहीं हुआ तो प्राइमरी स्कूल दे दीजिए। इससे मास्टर की आधी पगार हमें मिल जाएगी। मगर इससे देश नहीं बदलता।
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