भारत कर दक्षिण अफ्रीका के बीच अभी हाल ही में समाप्त हुई तीन मैचों की टेस्ट सीरीज कई मायनो में खास रही. इस सीरीज में वो सब हुआ जो एक क्रिकेट प्रेमी देखना चाहता था. दुनिया की पहले नंबर की टेस्ट टीम किस प्रकार दुसरे स्थान पर काबिज टीम से हार गयी. किस प्रकार कोहली के बल्लेबाजों को यहाँ की घातक पिचों पर बल्लेबाजी करनी पड़ी और किस प्रकार जोहान्सबर्ग में हेला गया तीसरा कर आखरी टेस्ट विवादों के साये में घिर गया. दक्षिण अफ्रीका की उछालभारी और जानलेवा पिचों को लेकर दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फाफ डु प्लेसी ने बड़ा बयान दिया है.
डु प्लेसी का मानना है कि भारत के खिलाफ उछाल वाली पिचों की मांग करने में कोई बुराई नहीं थी क्योंकि भारत भी स्वदेश में उनका स्वागत अपने हिसाब से करेगा. डु प्लेसी ने कहा, 'चाहे वह एक प्रतिशत हो या पांच या दस प्रतिशत आप जितना भी फायदा ले सकते हो आपको उसकी कोशिश करनी चाहिए. जब भी हम भारत दौरे पर जाते हैं तो हमें वहां सपाट घसियाली पिच पर खेलने को नहीं मिलता है.'
जॉहन्सबर्ग के वांडरर्स की पिच को सही बताते हुए उन्होंने कहा कि, 'पहले और दूसरे दिन मुझे ऐसा नहीं लगा (कि विकेट ख़तरनाक था). मैं केवल तभी थोड़ा चिंतित हुआ जब डीन (एल्गर) के चेहरे पर गेंद लगी. उस समय मैं खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिये थोड़ा चिंतित हुआ. यहां तक कि भारतीय पारी के दौरान भी कुछ खिलाड़ियों की उंगलियों लगातार गेंद लगी. मुझे लगता है कि आप गिनोगे कि कितनी बार गेंद खिलाड़ियों पर लगी तो यह सामान्य से अधिक होगी.'
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