नई दिल्ली: भारत में पेगासस जासूसी (pegasus spyware) मामले पर फिलहाल सर्वोच्च न्यायालय का आदेश आना बाकी है. किन्तु इस बीच कुछ विदेशी संगठनों ने भारत सरकार से इसकी गहनता से जांच कराने की मांग की है. 8 विदेशी संगठनों ने भारत सरकार से मांग की है कि पेगासस जासूसी मामले में तत्काल, स्वतंत्र रूप से, और विश्वसनीय रूप से जांच करवाई जाए. संगठनों द्वारा कहा गया है कि पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग सर्वोच्च न्यायालय के निजता के फैसले का उल्लंघन करता है.
एक्सेस नाउ, इंटरनेशनल कमीशन ऑफ ज्यूरिस्ट, इलेक्ट्रॉनिक प्राइवेसी इंफॉर्मेशन सेंटर, इलेक्ट्रॉनिक फ्रंटियर फाउंडेशन, पेन अमेरिका, सेंटर फॉर डेमोक्रेसी एंड टेक्नोलॉजी, सिविक्स और ह्यूमन राइट्स वॉच ने भारत सरकार से यह मांग की है. बता दें कि एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ का दावा है कि 300 से ज्यादा सत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबर पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल करके निगरानी के संभावित लक्ष्यों की लिस्ट में थे. इसमें पत्रकार, विपक्षी-सत्तादल के कुछ नेताओं के नाम भी उजागर हुए थे. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 50 हजार ऐसे नंबर्स की सूची जारी हुई थी, जिनकी कथित रूप से पेगासस से निगरानी हुई.
पेगासस इजरायल की NSO ग्रुप कंपनी का निगरानी स्पाइवेयर है, जिसे वह केवल अधिकृत सरकारी एजेंसियों को बेचने का दावा करती है. बता दें कि जिस फोन में पेगासस एक बार चला जाता है फिर उसके ईमेल, फाइल, कॉन्टेक्ट लिस्ट, लोकेशन, मेसेज सब पर निगाह रखी जा सकती है. इसकी सहायता से उस फोन से अपनी मर्जी से ऑडियो-वीडियो रिकॉर्ड भी किया जा सकता है.
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