लेह: रक्षा मंत्रालय ने लद्दाख में गोला-बारूद के भंडारण के लिए नई सुविधाएं बनाने की मंजूरी पर्यावरण मंत्रालय से मांगी है। इन सुविधाओं का उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब सैन्य तैनाती के दौरान गोला-बारूद की उपलब्धता बढ़ाना है। स्टोरेज सुविधाएं विशेष रूप से हानले और फोती ला जैसे क्षेत्रों में प्रस्तावित की गई हैं, जो चीन की सीमा के पास हैं। इन क्षेत्रों में गलवान घाटी भी शामिल है, जहां 2020 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी।
वर्तमान में हानले से 250 किलोमीटर और फोती ला से 300 किलोमीटर की दूरी पर गोला-बारूद के स्टोरेज हैं, जिससे अचानक जरूरत के समय में आपूर्ति में कठिनाई हो सकती है। इसलिए, इन स्थानों के करीब गोला-बारूद स्टोरेज बनाने से सैन्य इकाइयों को तुरंत आवश्यक आपूर्ति उपलब्ध हो सकेगी। इसके साथ ही, लद्दाख में लुकुंग और दुर्बुक क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की उपस्थिति को मजबूत करने का भी योजना बनाई गई है। लुकुंग पैंगोंग त्सो झील के किनारे स्थित एक महत्वपूर्ण गांव है।
सैन्य रणनीति के तहत, हानले, पुंगुक, फोती ला और कोयुल जैसे क्षेत्रों में अंडरग्राउंड गुफाओं का निर्माण करने की योजना है ताकि गोला-बारूद को सुरक्षित रूप से स्टोर किया जा सके और दुश्मन की नजर से बचा जा सके। इन योजनाओं को अमल में लाने के लिए पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी जरूरी है, ताकि इन स्थानों पर निर्माण कार्य शुरू किया जा सके।
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