'लोकतंत्र हमारा सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है..', राहुल गांधी ने दी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं

'लोकतंत्र हमारा सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है..', राहुल गांधी ने दी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं
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नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि स्वतंत्रता संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों में बुना हुआ एक सुरक्षा कवच है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उन्होंने लिखा कि, "सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं। हमारे लिए, स्वतंत्रता केवल एक शब्द नहीं है - यह संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों में बुना हुआ हमारा सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है। यह अभिव्यक्ति की शक्ति है, सच बोलने की क्षमता है और सपनों को पूरा करने की उम्मीद है। जय हिंद।''

दिल्ली की शिक्षा मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी ने भी इस अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अब रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तारी पर प्रकाश डाला। उन्होंने लिखा कि, "आज स्वतंत्रता दिवस है, जब 1947 में भारत को ब्रिटिश तानाशाही से आजादी मिली थी। सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों ने लाठीचार्ज का सामना किया, जेल गए और अपने प्राणों की आहुति दी - हमें यह आजादी दिलाने के लिए। उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन, स्वतंत्र भारत में, एक निर्वाचित मुख्यमंत्री को झूठे मामले में फंसाया जाएगा और महीनों तक जेल में रखा जाएगा।" 

आतिशी मार्लेना ने आगे लिखा कि "आइए इस स्वतंत्रता दिवस पर हम संकल्प लें कि हम अपनी आखिरी सांस तक तानाशाही के खिलाफ लड़ते रहेंगे।" इससे पहले 15 अगस्त की सुबह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया और राष्ट्र को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा कि, "मेरे साथी भारतीयों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई। जय हिंद!" प्रधानमंत्री मोदी सबसे पहले राजघाट गए और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। राजघाट से, पीएम मोदी लाल किले पहुंचे, जहां उन्होंने गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित लाल किले पर तिरंगा फहराया और राष्ट्र के नाम अपना पारंपरिक संबोधन दिया। आज का दिन देश के लिए बलिदान देने वाले अनगिनत 'आजादी के दीवानों' को श्रद्धांजलि देने का दिन है। यह देश उनका ऋणी है।"  

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