नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस की प्रमुख नेता सोनिया गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों पर करारा पलटवार किया है। रिजिजू ने कांग्रेस पर ये कहकर हमला बोला है कि भारतीय लोकतंत्र की हत्या केवल एक बार 1975 में हुई थी। दरअसल, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संपादकीय लिखकर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि भाजपा सरकार भारत के लोकतंत्र के तीनों स्तंभों विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को व्यवस्थित रूप से ध्वस्त कर रही है।
इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए रिजिजू ने कहा है कि भारतीय लोकतंत्र केवल एक बार 1975 में ध्वस्त हुआ और उसके बाद ऐसा कभी भी नहीं हुआ और न ही आगे कभी ऐसा होगा। दरअसल, 1975 में इंदिरा गांधी के समय देश में इमरजेंसी थोप दी गई थी और आवाज़ उठाने वाले हर नेता-पत्रकार को जेलों में ठूंस दिया गया था। सोनिया के हमले पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम कानून पर यकीन करते हैं। देश में लोकतंत्र की भावना जीवित है। सरकार से सभी सवाल किए जा सकते हैं, मगर, अपने ही देश से सवाल न करें। सोनिया गांधी लोकतंत्र पर लेक्चर दे रही हैं? कांग्रेस आज न्यायपालिका की आज़ादी पर बात कर रही है।
वहीं, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोनिया गांधी के लेख के बाद कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि मोदी से नफरत, गलत प्राथमिकताओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का ये उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस सियासी संकट का सामना कर रही है। प्रधान ने कांग्रेस पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र पर सवाल उठाते हुए कहा है कि पार्टी चापलूसों की मंडली से कमजोर पड़ रही है।
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