वाशिंगटन: डेमोक्रेटिक पार्टी के दिग्गज सांसदों ने ट्रंप प्रशासन से H-1B वीजा धारकों के देश में एंट्री पर लगाए प्रतिबंध से कुछ स्वास्थ्य सेवा कर्मियों को छूट देने का अनुरोध कर रहे है. मालूम हो कि H-1B वीजा इंडियन IT पेशेवरों में बहुत लोकप्रिय है. पिछले दिनों ट्रंप प्रशासन ने 23 जून को H-1B वीजा और अन्य प्रकार के विदेशी कार्य वीजा को 2020 के अंत तक के लिए रद्द कर दिया गया था. ट्रंप प्रशासन ने बताया कि चुनावी साल में यह कदम में अमेरिका के कर्मचारियों के संरक्षण के लिए उठाया जा रहा है.
H-1B वीजा एक गैर-आव्रजक वीजा है. इस वीजा के द्वारा अमेरिका की कंपनियां तकनीकी या अन्य विशेषज्ञता वाले स्थानों पर विदेशी कर्मचारियों की नियुक्ति करने वाली है. अमरीकी प्रौद्योगिकी कंपनियां प्रत्येक वर्ष इस वीजा के आधार पर हजारों विदेशी पेशेवरों की नियुक्त करने वाली है. सांसदों ने बताया है कि भले ही कोविड के मरीजों के उपचार और अनुसंधान पर कार्य करने वालों को रियायत दे दी है. लेकिन इस संकट काल में स्वास्थ्य कर्मियों का आंकड़ा सिमित करना अमेरिकियों की जान को परेशानी में डालने वाला है.
मिली जानकारी के अनुसार विदेश मंत्री पोंपियो होमलैंड सुरक्षा के कार्यकारी मंत्री चाड वुल्फ और श्रम मंत्री युजिन स्कालिया को भेजे गए एक पत्र में सांसदों ने बताया है कि इन प्रतिबंधों ने अमेरिका में बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य सेवाओं को हर तरह से जोखिम में डाल रही है. अमेरिका में अधिकतर ग्रामीण और अशिक्षित समुदायों की स्वास्थ्य सुविधाओं में आव्रजक चिकित्सकों के आसरे ही हैं.
WHO : कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत को मिली चेतावनी
कोरोना : चीन का होगा पर्दाफाश, जांच करने पहुंची एडवांस टीम
बेरुत में हुए हमले पर रक्षा अधिकारियों ने किया ट्रम्प का विरोध