शाहजहांपुर। इन दिनों उत्तरप्रदेश में राजनीतिक बयानबाजियों का दौर है। हालात ये हैं कि यहां पर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दल लगभग हर दिन बयानबाजियां कर रहे हैं। इतना ही नहीं चुनावी सभाओं में राष्ट्रीय नेताओं द्वारा मतदाताों को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में नेता विरोधी दलों के नेताओं पर राजनीतिक बयानी करने से नहीं चूक रहे हैं। अब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बसपा प्रमुख मायावती और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री मायावती पर निशाना साधा तो इन दोनों नेत्रियों ने भी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर आरोप लगाए।
इस दौरान अमित शाह ने कहा है कि नोटबंदी के कारण मायावती और ममता बनर्जी के चेहरे का रंग ही उड़ गया है। जो दल नोट बंदी का विरोध कर रहे हें वे नहीं चाहते हैं कि राजनीति से कालाधन समाप्त हो पाए। आखिर संसद के शीतकालीन सत्र मे कार्रवाई ही नहीं हुई। अमित शाह शहाजहांपुर में परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जिनके अरबों खरबों रूपए रद्दी में बदल गए हैं उन्हें परेशानी हो रही है।
ममता दीदी के तो चेहरे का नूर ही गायब हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय ने तस्करों, नक्सवाद, आतंकवाद और जाली नोट के कारोबार में लगे लोगों को ठीक कर दिया है। उनका कहना था कि उत्तरप्रदेश में जो राजनीतिक दल जाति के आधार पर और परिवार के आधार पर चलते हैं वे विकास नहीं कर सकते हैं। दूसरी ओर अमित शाह के इस बयान पर मायावती ने कहा है कि केंद्र की इस सरकार ने आजादी के बाद भारत के इतिहास में 90 प्रतिशत जनता को परेशानी दी।
बहुजन समाजवादी पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा कि नोटबंदी के चलते बैंक और एटीएम के बाहर कतार है। लोगों को पैसे नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बुआ - भतीजा और चाचा भतीजा इस प्रदेश में राज कर रहे हैं ऐसे में विकास इनके बीच अटक रहा है। उनका कहना था कि अखिलेश बाबू राहुल बाबा के सहारे सरकार बनाने के प्रयास में हें लेकिन राहुल की ही पार्टी के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने अपने कायकाल में 12 लाख करोड़ रूपए का घोटाला किया।
उनका कहना था कि मायावती के शासन काल में हुए भ्रष्टाचार का रिकाॅर्ड नहीं बनाया गया यदि ऐसा होता तो फिर उनकी मुश्किल हो जाती। उन्होंने तीन तलाक पर कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी राय स्पष्ट तरीके से रख दी है ऐसे में महिलाओं के हितों की रक्षा होना चाहिए।
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