नई दिल्ली : बेशक नोटबंदी को लेकर पूरा देश परेशान है. बाजार में नकद की समस्या से अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है. देश की वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों पर ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स का कहना है कि नोटबंदी और जीएसटी के लागू होने से छोटी अवधि में अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है, लेकिन इन सुधारों से अल्पकालीन समस्याओं के बाद दीर्घकाल में लाभ हो सकता है.
उल्लेखनीय है कि उक्त रेटिंग एजेंसी का कहना है कि सितंबर 2017 से जीएसटी के लागू होने से अल्पकाल में अर्थव्यवस्था के असंगठित, ग्रामीण और नकद आधारित खंडों पर उच्च हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है.इसी सन्दर्भ में एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स के क्रेडिट विश्लेषक अभिषेक डांगरा ने' इंडियाज डिमोनेटिआईजेशन एंड द जीएसटी: शार्ट टर्म पेन फॉर लांग टर्म गेन' शीर्षक से लिखे अपने एक लेख में कहा है कि भारत सरकार के सुधारों का दीर्घकालीन संरचनात्मक लाभ होगा लेकिन इसमें अल्पकालीन क्रियान्वयन और समायोजन जोखिम है.
बता दें कि लेख के अनुसार सरकार का उच्च राशि की मुद्रा पर प्रतिबंध के निर्णय से नकदी की काफी समस्या हुई है.क्रेडिट और जोखिम विश्लेषक कंपनी का मानना है कि नोटबंदी तथा जीएसटी से कर का दायर बढ़ेगा और संगठित अर्थव्यवस्था में अधिक भागीदारी होगी.इससे दीर्घकाल में भारत के व्यापार माहौल तथा वित्तीय प्रणाली में लाभ होना चाहिए.