उत्तर प्रदेश की ऑटो कंपनी के लिए यह बहुत ही खुशी की बात है कि नोटबंदी की वजह से हुई परेशानी के बाद दिसंबर क्वॉर्टर में देश की सबसे ज्यादा आबादी वाला यह राज्य मोटरसाइकल और ट्रैक्टर्स की सेल्स वृध्दि के लिहाज से काफी अहम रहा। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले बाइक की सेल्स वॉल्यूम में 19 फीसदी बढ़ोतरी हुई हैं, जबकि इस बीच राष्ट्रीय स्तर इन आंकड़ो में 5 फीसदी की गिरावट रही। और राज्य में ट्रैक्टर की सेल्स में 13 फीसदी वृध्दि हुई, जबकि पूरे देश आंकड़ा सिर्फ 13 फीसदी ही रहा था।
किसानों के पास कैश की अच्छी स्थिति और मजबूत फेस्टिव सीजन को इसकी वजह माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश में इस तरह के खर्चों में बढ़ोतरी में खेती से होने वाली इनकम का अहम रोल होता है। राज्य के जीडीपी में खेती की हिस्सेदारी एक चौथाई है, जो इस बाबत राष्ट्रीय आंकड़े का तकरीबन डबल यानी 17 फीसदी है। भारत कृषक समाज के चेयरमैन अजय वीर जाखड़ ने बताया, 'किसानों की इनकम को खरीफ की पिछली फसल और अनुकूल मॉनसून से सहारा मिला। मौसम की हालत बेहतर होने और पानी की उपलब्धता से अगली फसल के लिए बेहतर उपज की संभावनाएं भी बढ़ी हैं।'
मौजूदा फाइनैंशल इयर के चौथे क्वॉर्टर में ग्रामीण क्षेत्रों में इनकम की स्थिति अच्छी रही। इसकी कई वजहें रहीं। मसलन गेहूं और चावल जैसी अहम फसलों के मिनिमम सपॉर्ट प्राइस में मामूली बढ़ोतरी और शुगर कंपनियों द्वारा गन्ने की बकाया राशि के भुगतान को हरी झंडी। मौजूद सीजन में राज्य परामर्श कीमतों में 25 रुपये प्रति क्विंटल की सीमित बढ़ोतरी से शुगर कंपनियां किसानों की बकाया राशि का भुगतान करने के आगे आईं। होंडा मोटरसाइकल एंड स्कूटर के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट यादविंद्र सिंह गुलेरिया का कहना है कि, तीसरे क्वॉर्टर में कई त्योहार और शादियों का सीजन होने से यूपी में सेल्स बिक्री में हुई बढ़ोत्तरी हो रही हैं।
ऑटो चलाने के लिए मराठी आना जरुरी नहीं- बॉम्बे हाई कोर्ट
अलापाइन A110 के साथ होगा रेनॉल्ट की वापसी