कुछ लोगों का मानना है कि उम्र का संबंध ख़ुशी से होता है. उम्र बढ़ने पर व्यक्ति सच्चाई के करीब आ जाता है जिससे तनाव की समस्या होने लगती है. स्ट्रेस्ड व्यक्ति को वह चीज भी ख़ुशी नहीं देती जो कभी उसे टेंशन और स्ट्रेस से बाहर निकाल देती थी. इसका कारण होता है उम्र, एक्सपर्ट्स के अनुसार अधेड़पन का टेंशन से सीधा संबंध है.
अमेरिका और ब्रिटेन के रिसर्चरों के अनुसार, अधेड़ उम्र में पहुंचने के बाद व्यक्ति के डिप्रेस्ड होने की संभावना बढ़ जाती है. जिंदगी की शुरूआती दौर में व्यक्ति खुश रहता है, जबकि इसके बाद के हिस्से में दुःख और टेंशन ही आते है. इस स्टडी के अनुसार, 44 साल की उम्र के आसपास सबसे अधिक डिप्रेस्ड होता है. किन्तु 70 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते एक बार फिर 20 साल के युवा की तरह खुश रहने लगता है.
रिसर्चर इसका सही कारण तो नहीं बताते किन्तु इसके तीन सिद्धांत जरूर बताते है. युवावस्था में सपने देखे जाते है, जो 30-40 वर्ष के दौरान हकीकत से रूबरू होने के बाद सपने टूटने का दर्द झेलना पड़ता है. उम्र बढ़ने के साथ व्यक्ति सच को स्वीकार करने लगता है. उम्र बढ़ने पर व्यक्ति कई चीजों की अहमियत समझता है. कई बार तो व्यक्ति यह सोच कर भी खुश होता है कि वह जिन्दा तो है.
ये भी पढ़े
मस्से खत्म करने के लिए आजमाए ये घरेलू उपाय
मुनक्कों का सेवन करने से कम होगी पुरुषों में ये समस्या