पटना। बिहार में सत्ताधारी जनता दल यूनाईटेड और आरजेडी के बीच दरार नज़र आ रही है। मगर राजनीतिक तौर पर तो यही कहा जा रहा है कि महागठबंधन अभी भी मजबूत है लेकिन आरजेडी और जेडीयू में विभिन्न मसलों को लेकर मतभेद नज़र आ रहे हैं। हालांकि पहले यह बात सामने आई थी कि राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को इस्तीफा दे देना चाहिए। यह बात जेडीयू की ओर से कही गई थी लेकिन आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अब यह कहा है कि तेजस्वी यादव अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। लालू प्रसाद यादव ने इस मामले में कहा कि तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर किसी तरह का सवाल नहीं उठता है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की एफआईआर पर तेजस्वी यादव द्वारा दिए जाने वाले इस्तीफे का कोई कारण नहीं है। लालू प्रसाद यादव ने कहा कि जब तक हमारी संपत्तियों को लेकर सवाल है तो फिर सीएम नीतिश कुमार को इन संपत्तियों की जानकारी दी गई है। मिली जानकारी के अनुसार विधान मंडल दल द्वारा निर्णय लिया गया था कि तेजस्वी यादव द्वारा दिए जाने वाले इस्तीफे का सवाल नहीं है। विधान मंडल ने तय किया और कहा कि सभी इस बात पर कायम हैं।
अनुपातहीन संपत्तियों व कथित भ्रष्टाचार के मसले पर गठबंधन सहयोगी जेडीयू द्वारा सवाल किए जाने पर आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा कि यादव परिवार निशाने पर है। उनका कहना था कि तेजस्वी व उन पर आरोप लगा उस पर वे सफाई दे चुके हैं। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि उनकी ओर से किसी तरह का गठबंधन तोड़ने की कोई कोशिश नहीं की गई।
आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि दिल्ली की सरकार बिहार सरकार को खंड खंड करने में लगी है। आरजेडी, भाजपा और आरएसएस को यहां पर पैर रखने तक की जगह नहीं दी जाएगी। आरजेडी विधायक व भाई वीरेंद्र द्वारा 80 विधायकों की धौंस दिखाते हुए कहा गया था कि महागठबंधन में वही होगा जो उनका दल चाहेगी। आरजेडी विधायक द्वारा बयान पर जनता दल यूनाईटेड से कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि नीतीश कुमार सत्ता के भूखे नहीं हैं।
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