नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय को दो नए जज मिल गए हैं। जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा एवं वरिष्ठ अधिवक्ता कलपति वेंकटरामन विश्वनाथन की नियुक्ति की गई है। दोनों जजों की नियुक्ति पर सर्वोच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कॉलेजियम की सिफारिश को 72 घंटे के अंदर अनुमति मिलने पर खुशी जाहिर की तथा केंद्र सरकार के योगदान की भी प्रशंसा की। CJI ने फिल्म विजयपथ का एक गाना एवं वसीम बरेलवी की लाइनें सुनाकर जजों का स्वागत भी किया।
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा एवं वरिष्ठ अधिवक्ता कलपति वेंकटरामन विश्वनाथन की सर्वोच्च न्यायालय के जज के रूप में सिफारिश के 72 घंटे के अंदर नियुक्ति की गई है। यह दर्शाता है कि कॉलेजियम जीवंत, सक्रिय एवं अपने कार्य के प्रति प्रतिबद्ध है। मंगलवार को CJI सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक सम्मान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। CJI ने कहा- हमने जो भी नियुक्तियां की हैं, उसमें सर्वोच्च न्यायालय के सभी जजों के साथ व्यापक परामर्श किया है। हमें इस फैक्ट को भी स्वीकार करना चाहिए कि सरकार इस प्रक्रिया में एक हितधारक है तथा नामों की सिफारिश के 72 घंटे से भी कम वक़्त में ये नियुक्तियां हुई हैं। ऐसे में हमने राष्ट्र को एक संदेश भेजा है कि अपने कार्य के लिए कॉलेजियम जीवंत, सक्रिय एवं प्रतिबद्ध है। दोनों जजों की नियुक्ति के लिए मुझे श्रेय दिया गया। मैं आभारी हूं मगर मैं इसमें कॉलेजियम के साथ-साथ अपने सभी सहयोगियों की भी प्रशंसा करूंगा, जो इस पूरी प्रक्रिया का हिस्सा रहे। जिसमें ना केवल कॉलेजियम, बल्कि उससे परे मेरे सभी सहकर्मी सम्मिलित हैं। हमने नियुक्तियों से पहले सभी जजों से विचार-विमर्श किया था। उन्होंने कहा, जस्टिस मिश्रा और विश्वनाथन दोनों विचारों की निरंतरता एवं ताजगी की परंपरा को एक साथ लाते हैं।
CJI ने कहा- जस्टिस मिश्रा ने अपना जीवन बहुत ही साधारण परिवार से आरम्भ किया। इससे पता चलता है कि सर्वोच्च न्यायालय में आने वाले जज देश में सामाजिक रूप से गहराई तक जुड़े हुए हैं। उन्होंने जस्टिस केवी विश्वनाथन को युवा वकीलों के लिए आदर्श और गुरु बताया। CJI का कहना था कि जस्टिस मिश्रा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय से पदोन्नत होकर सर्वोच्च न्यायालय आए हैं। वे तुलनात्मक रूप से नए राज्य की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी नियुक्ति को केवल एक पेशेवर की सफलता के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। CJI ने फिल्म विजय पथ के एक गाने की लाइनें सुनाईं एवं जस्टिस मिश्रा का स्वागत किया। उन्होंने कहा, देर लगी आने में तुमको शुक्र है फिर भी आये तो, आस ने दिल का साथ ना छोड़ा वैसे हम घबराये तो। CJI ने जस्टिस विश्वनाथन के बारे में चर्चा की तथा कहा- वे बार के युवा साथियों के लिए एक आदर्श और गुरु रहे हैं। उन्होंने युवा वकीलों की एक टीम बनाने में योगदान दिया है। एक वकील के तौर पर उनकी छवि इंगित करती है कि उतावलापन और दिखावटी होना सर्वोच्च न्यायालय बार में सफलता की पहचान नहीं है। वे विनम्र और दृष्टिकोण में सरल हैं और फिर भी सफल हैं। CJI ने विश्वनाथन की पदोन्नति का स्वागत किया एवं वसीम बरेलवी की लाइनें गुनगुनाईं। उन्होंने कहा, तुम आ गए हो तो कुछ चांदनी-सी बातें हों, जमीन पर चांद कहां रोज-रोज उतरता है।
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