गंभीर बीमारी होने के बावजूद 8 वर्षीय बच्चे ने नहीं हारी हिम्मत, किया माउंट एवरेस्ट फतह

गंभीर बीमारी होने के बावजूद 8 वर्षीय बच्चे ने नहीं हारी हिम्मत, किया माउंट एवरेस्ट फतह
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इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के रहने वाले 8 वर्षीय बच्चे की कहानी मिसाल बन गई है। क्रोमोसोमल डाउन सिंड्रोम से पीड़ित होने के बाद भी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की। 7 वर्ष की आयु में 18 हजार 200 फीट की ऊंचाई तक पहुंचकर तिरंगा फहराया था। अब इंदौर के 8 वर्षीय बच्चे अवनीश तिवारी को इस वर्ष का पीएम बाल पुरस्कार मिलने जा रहा है। 23 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी अवनीश से चर्चा भी करेंगे तथा 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में भी अवनीश सम्मिलित होगा।

अवनीश ऐसा करने वाला दुनिया का पहला बच्चा बन गया था जिसने 7 वर्ष की आयु में माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की है। अवनीश, पिता आदित्य तिवारी के साथ वर्ष 2023 में 14 अप्रैल को एवरेस्ट यात्रा पर निकला था। 19 अप्रैल को वो शिखर पर पहुंचा। वे दोनों 23 अप्रैल को इंदौर लौटे। आदित्य ने बताया कि वे इस ट्रैक पर 70 किलो का भार लेकर चढ़े। इसमें 10 किलो तो केवल दवाएं थीं। आदित्य सिर्फ फलों पर रहे तथा अवनीश ने सादी दाल रोटी खाई।

प्राप्त खबर के मुताबिक, कुछ वर्ष पहले इस बच्चे के लिए कानून में संशोधन भी पड़ा था क्योकि सरकारी नियमों के मुताबिक, कोई भी अविवाहित युवक किसी बच्चे को गोद नहीं ले सकता था। हालांकि, अवनीश के पिता ने भी ठान लिया था कि वह इस बच्चे को कानूनी रूपी से गोद लेकर ही रहेंगे। तत्पश्चात, मेहनत कर अवनीश के पिता ने पीएम से तथा राष्ट्रपति से मुलाकात की। सरकार को एक इस बच्चे की खातिर कानून में बदलाव करना पड़ा। वे अविवाहित थे तथा उम्र भी कम थी। अवनीश को पाने के लिए आदित्य ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी।

जेनेटिक क्रोमोसोम डिसऑर्डर डाउन सिंड्रोम नाम की बीमारी से ग्रसित इस बच्चे को उसके माता पिता अनाथालय में छोड़ चले गए थे। कुछ वक़्त पश्चात् इंदौर के रहने वाले एक समाज सेवी आदित्य तिवारी से इस बच्चे की एक अनाथालय में मुलाकात हुई तो आदित्य को बताया गया कि एक बच्चा है, जो कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित है। आदित्य ने सिंगल पैरंट होते हुए इस बच्चे को गोद ले लिया, आदित्य ने साढ़े 6 वर्ष पहले 7 महीने के बच्चे को गोद लिया तथा उसे नाम दिया अवनीश। आदित्य ने शादी से पहले अवनीश को गोद लिया। कुछ वक़्त पश्चात् अर्पिता से शादी की। महू आर्मी स्कूल में अवनीश नॉर्मल बच्चों के साथ पढ़ता है। अवनीश के दिल में जन्म से छेद है तथा घुटने भी ठीक नहीं है। अक्षमता के बाद भी कुछ करने का जज्बा दिखाने वाला अवनीश अब लोगों के लिए मिसाल बन चुका है।

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