नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भरोसा दिलाया है कि सकल घरेलु उत्पाद (GDP) में हालिया मंदी के बावजूद भारत की आर्थिक वृद्धि मजबूत बनी हुई है। ओडिशा के भुवनेश्वर में राष्ट्रीय CA सम्मेलन में बोलते हुए शक्तिकांत दास ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के लिए GDP में मामूली गिरावट, मुख्य रूप से हाल के चुनावों के बाद सरकारी खर्च में कमी और कृषि विकास में कमी के कारण है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्र अभी भी 7% से ऊपर की दर से बढ़ रहे हैं।
गवर्नर दास ने कहा कि, "मैं विनम्रता, ईमानदारी और विश्वास के साथ यह पुष्टि करना चाहता हूं कि भारत की विकास कहानी मजबूत बनी हुई है।" उन्होंने GDP वृद्धि में नरमी के लिए एक ही कारक को जिम्मेदार ठहराया - केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर सरकारी खर्च - जिसे उन्होंने चुनावी मौसम से जोड़ा। हाल के आंकड़ों से पता चला है कि अप्रैल-जून तिमाही के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में वास्तविक रूप से 6.7% की वृद्धि हुई, जो पिछली तिमाहियों की तुलना में थोड़ी मंदी है, जिसमें लगातार 7% से अधिक की वृद्धि देखी गई थी। इसके बावजूद RBI गवर्नर ने उम्मीद जताई कि आने वाली तिमाहियों में सरकारी खर्च में वृद्धि से RBI द्वारा वित्त वर्ष के लिए अनुमानित 7.2% की वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि, "मेरा मानना है कि चालू वर्ष के लिए 7.2% की वृद्धि का अनुमान हासिल किया जा सकता है।" गवर्नर ने पहली तिमाही में क्षेत्रीय वृद्धि का ब्यौरा भी दिया: निजी खपत में 7.4% की वृद्धि हुई, निवेश में 7.5% की वृद्धि हुई, उद्योगों में 7.4% की वृद्धि हुई, विनिर्माण में 7% की वृद्धि हुई, सेवाओं में 7.7% की वृद्धि हुई, और निर्माण में 10.5% की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। जबकि कृषि में 2% की वृद्धि हुई, दास को उम्मीद है कि अनुकूल मानसून की स्थिति के कारण इसमें सुधार होगा। इसके अलावा, दास ने नवाचार, विशेष रूप से वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) और स्टार्टअप में भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला, तथा इसे भविष्य के विकास का प्रमुख चालक बताया।
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