'देश में मजबूत सरकार के होते हुए भी यह हिंसा किन के बलबूते इतने दिन बेरोकटोक चलती रही है?', मणिपुर में हुई हिंसा पर बोले भागवत

'देश में मजबूत सरकार के होते हुए भी यह हिंसा किन के बलबूते इतने दिन बेरोकटोक चलती रही है?', मणिपुर में हुई हिंसा पर बोले भागवत
Share:

नागपुर: दशहरे के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्याल नागपुर में स्थापना दिवस एवं शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. नागपुर के रेशिमबाग मैदान में हुए इस समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का एक स्थान दुनिया के अहम देशों में बन गया है. हमारे खिलाड़ियों ने इस बार एशियाई खेलों में 107 मैडल जीते हैं. हमारा देश प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है. आर्थिक क्षेत्र में हम 10वें नंबर से उठकर पांचवे नंबर पर आ गए. केवल तकनीक में नहीं, कृषि और दूसरे क्षेत्रों में भी हम आगे बढ़ रहे हैं.

मोहन भागवत ने कहा कि मणिपुर की वर्तमान स्थिति को देखते हैं तो यह बात ध्यान में आती है कि तकरीबन एक दशक से शांत मणिपुर में अचानक यह आपसी फूट की आग कैसे लग गई? क्या हिंसा करने वाले लोगों में सीमापार के अतिवादी भी थे? अपने अस्तित्व के भविष्य के प्रति आशंकित मणिपुरी मैतेयी समाज तथा कुकी समाज के इस आपसी संघर्ष को सांप्रदायिक रूप देने का प्रयास क्यों और किसके द्वारा हुआ? सालों से वहां पर सबकी समदृष्टि से सेवा करने में लगे संघ जैसे संगठन को बिना वजह इसमें घसीटने का प्रयास करने में किसका निहित स्वार्थ है? इस सीमा क्षेत्र में नागाभूमि व मिजोरम के बीच स्थित मणिपुर में ऐसी अशांति व अस्थिरता का लाभ प्राप्त करने में किन विदेशी सत्ताओं को रुचि हो सकती है?

उन्होंने कहा कि क्या इन घटनाओं की वजह से परंपराओं में दक्षिण पूर्व एशिया की भू- राजनीति की भी कोई भूमिका है? देश में मजबूत सरकार के होते हुए भी यह हिंसा किन के बलबूते इतने दिन बेरोकटोक चलती रही है? गत 9 सालों से चल रही शान्ति की स्थिति को बरकरार रखना चाहने वाली प्रदेश सरकार होकर भी यह हिंसा क्यों भड़की और चलती रही? आज की स्थिति में जब संघर्षरत दोनों पक्षों के लोग शांति चाह रहे हैं, उस दिशा में कोई सकारात्मक कदम उठता हुआ दिखते ही कोई हादसा करवा कर, फिर से विद्वेष व हिंसा भड़काने वाली ताकतें कौन सी हैं?

इस बार समारोह में चीफ गेस्ट के तौर पर लोकप्रिय गायक तथा कंपोजर पद्मश्री शंकर महादेवन को बुलाया. उन्होंने कहा कि हमारी देश की संस्कृति को बचाए रखने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बहुत बड़ा योगदान है. मैं जब भी किसी कंसर्ट में गाना गाता हूं तो इस बात का ध्यान रखता हूं कि नए बच्चों को अपनी संस्कृति और अपनी जड़ो के बारे में बताऊं. उदाहरण के रूप में मैं शिव तांडव स्रोत गाना शुरू कर देता हूं. ये ऐसा मंत्र है कि जो भी सुनता है, इसे फील करता है. जब मैं गाने कंपोज करता हूं तो सोचता हूं कि आगे की पीढ़ी को शास्त्रीय संगीत का दृश्य दिखना चाहिए.

आपको बता दें कि RSS प्रत्येक वर्ष विजयदशमी के अवसर पर शस्त्र पूजन कार्यक्रम आयोजित करता है. इस के चलते हर बार अलग-अलग लोगों को चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया जाता है. इस कड़ी में ही बीते वर्ष दो बार माउंट एवरेस्ट फतेह करने वालीं पूर्व पर्वतारोही संतोष सिंह को बुलाया गया था. इससे पहले 2021 में RSS ने अपना 96वां स्थापना दिवस मनाया था. दशहरे के दिन नागपुर में आयोजित किए गए इस समारोह में बतौर अतिथि मुंबई स्थित तब के इजरायली महावाणिज्य के दूत कोब्बी शोशानी ने कार्यक्रम में शिरकत की थी. बता दें कि हिंदी तिथि के अनुसार, दशहरे के दिन ही 1925 में RSS की स्थापना हुई थी. नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही RSS की अलग-अलग शाखाओं पर स्थापना दिवस मनाया जाता है.  

लखनऊ एयरपोर्ट पर चेकिंग के दौरान शख्स के प्राइवेट पार्ट में मिली ऐसी चीज, अफसर भी रह गए दंग

'मैं PM मोदी के साथ मंच साझा नहीं करूंगा...', आखिर क्यों ऐसा बोले मिजोरम CM जोरमथंगा?

महाकाल मंदिर में आज मनाया जा रहा दशहरा, पालकी में सवार होकर शमी पूजन करने निकले 'महादेव'

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -