समस्याओं को नहीं समस्या के कारण को नष्ट किजिये

समस्याओं को नहीं समस्या के कारण को नष्ट किजिये
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समस्याओं को नहीं समस्या के कारण को नष्ट किजिये। व्यक्ति के जीवन में एक समस्या के समाधान के साथ ही दूसरी समस्या पैदा हो जाती है, दूसरी के बाद तीसरी और इस प्रकार व्यक्ति का जीवन समस्याओं से लड़ते हुऐ ही गुजर जाता है, किंतु सुख और सफलता नहीं मिलती। हवन/पूजा/अनुष्ठान आपकी समस्या को नहीं समस्या के कारण को मिटाते है।

महालक्ष्मी पूजन एवं हवन- 

कई बार पूरी मेहनत करने के बाद भी हमें वह सफलता और आर्थिक लाभ नहीं मिलता जो कि मिलना चाहिए। इस महालक्ष्मी पूजन एवं हवन अनुष्ठान से कार्यक्षमता बढ़ती है और आर्थिक उन्नति होती है।

महागणपति पूजन एवं हवन-

आपके कार्यक्षेत्र में बार-बार उत्पन्न होने वाले विघ्नों के निवारण के लिए यह महागणपति पूजन एवं हवन अनुष्ठान सर्वश्रेष्ठ है। इसके प्रभाव से आपको सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है।

शनि की साढ़ेसाती एवं शनि की ढ़य्या शांति अनुष्ठान एवं हवन-

शनि की ढ़य्या और शनि की साढ़ेसाती में होने वाले व्यापार घाटे, स्वास्थ्य हानि, मानसिक और पारिवारिक क्लेश, आर्थिक नुकसान, शत्रुता, कोर्ट केस जैसी समस्याओं के निवारण के लिए यह गोपनीय अनुष्ठान और हवन सम्पन्न किया जाता है। इसके प्रभाव से शनिकृत पीड़ा से मुक्ति मिलती है।

संपूर्ण कालसर्प-दोष शांति अनुष्ठान-

कालसर्प-दोष सामान्यतः 12 प्रकार का होता है। इनके नाम इस प्रकार है-अनंत कालसर्प दोष, कुलिक कालसर्प दोष, वासुकी कालसर्प दोष, शंखपाल कालसर्प दोष, पद्म कालसर्प दोष, महापद्म कालसर्प दोष, तक्षक कालसर्प दोष, कर्कोटेक कालसर्प दोष, शंखचूड़ कालसर्प दोष, घातक कालसर्प दोष, विषधर कालसर्प दोष, शेषनाग कालसर्प दोष। ये प्रमुख 12 प्रकार के कालसर्प दोष है किंतु जन्म कुंडली में विभिन्न लग्नों में बनने वाले इन कालसर्प दोषों का अलग-अलग प्रकार से जीवन में कुप्रभाव होता है। संपूर्ण कालसर्प दोष शांति अनुष्ठान से सभी प्रकार के कालसर्प दोषों का नाश हो जाता है और जीवन में सुख समृद्धि आती है।

संपूर्ण पितृदोष शांति अनुष्ठान-

घर में सूनापन, परिवार का मुखिया बीमार रहना, परिवार के सदस्यों के बीच मनमुटाव, बुरे सपने आना ये सब पितृदोष के लक्षण है। संपूर्ण पितृदोष शांति अनुष्ठान से समस्त प्रकार की जानी-अनजानी मृतात्माओं की शांति होती है और व्यक्ति को सभी प्रकार के पितृदोषों से मुक्ति मिल जाती है, इससे जीवन में शांति, उल्लास, समृद्धि की प्राप्ति होती है।

सम्पूर्ण वास्तु शांति अनुष्ठान-

घर बनना सभी का सपना होता है लेकिन गृह निर्माण से लेकर गृह प्रवेश तक के समय में निर्माण के दौरान अनेक प्रकार के दोष उत्पन्न हो जाते है। इस दोषयुक्त गृह में प्रवेश के साथ ही व्यक्ति पर् आर्थिक, मानसिक मुसीबते आने लगती है। तब यही सपनों का घर अभिशाप लगने लगता है। संपूर्ण वास्तु शांति अनुष्ठान के प्रभाव से गृह निर्माण से गृह प्रवेश के बीच उत्पन्न होने वाले सम्पूर्ण दोषों का निवारण हो जाता है।

सिद्ध साधक गुरूदेव डॉ. सर्वेश्वर शर्मा

लापरवाही के चलते आँखों में हो जाती ये समस्याएं

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