देवउठनी एकादशी या कार्तिक एकादशी को सबसे शुभ माना जाता है। जी हाँ और इस दिन विशेष उपाय करने से सभी मनोकामना पूरी होती है। जी दरअसल इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष फल प्रदान होता है। आप सभी को बता दें कि देवउठनी एकादशी को देवोत्थान, प्रबोधनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। जी हाँ और इस बार देवउठनी एकादशी 04 नवंबर 2022 यानी आज मनाई जा रही है। देवउठनी एकादशी 03 नवंबर रात 08 बजकर 51 मिनट से शुरू हो चुकी है और 04 नवंबर शुक्रवार यानी आज शाम 07 बजकर 02 मिनट पर इसका समापन होगा। वहीं उदया तिथि की वजह से देवउठनी एकादशी आज मनाई जा रही है। अब हम आपको बताते हैं देवउठनी एकादशी के दिन क्या करें और क्या न करे?
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देवउठनी एकादशी के दिन क्या न करें-
* देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु निद्रा से जागते हैं और इसी के साथ सारे शुभ कार्य शुरू होते हैं। कहते हैं देवउठनी एकादशी पर दोपहर में नहीं सोना चाहिए। इसी के साथ धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि इस दिन भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहना चाहिए।
* देवउठनी एकादशी के दिन किसी भी व्यक्ति को भूल से भी चावल नहीं खाना चाहिए। कहा जाता है चावल से बनी चीजों से भी इस दिन दूर ही रहना चाहिए। इसी के साथ पंडितों का कहना है कि चावल खाने से मन और शरीर स्थिर नहीं रहता है।
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* देवउठनी एकादशी के दिन लहसुन और प्याज के सेवन से भी बचना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि ये दोनों तामसिक भोजन में आते हैं। यदि आप ने व्रत नहीं भी रखा है तो कोशिश करें कि सात्विक भोजन ही करें।
* देवउठनी एकादशी के दिन व्रतधारी को किसी के प्रति द्वेष की भावना नहीं रखनी चाहिए। हो सके तो इस दिन घर या घर के बाहर किसी से लड़ाई-झगड़ा ना करें।
* इस दिन अगर आप बूढ़े-बुजुर्गों की सहायता करते हैं तो ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
* देवउठनी एकादशी के दिन भूल से भी माता तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए।
देवउठनी एकादशी के दिन क्या करें-
* देवउठनी एकादशी वाले दिन सुबह उठकर स्नान करें, उसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य देकर एकादशी व्रत का संकल्प करें।
* इस दिन भगवान विष्णु को दूध में केसर डालकर उनका अभिषेक करें। अंत में श्री हरि की आरती करें।
* जीवन में सफलता मिले तो इसके लिए आप इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करें, दान पुण्य करें। सौभाग्य प्राप्ति के लिए स्त्रियां इस दिन व्रत रखती है। हो सके तो व्रत वाले दिन आप विष्णुसहस्त्र का पाठ करें।
* देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु को सफेद रंग का भोग लगाएं।
* देवउठनी एकादशी वाले दिन आप निर्जला व्रत रखें। ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।
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