विश्व में करोड़ों लोगों को अपनी चपेट में ले चुके कोरोना को रोकने के लिए शोधकर्ता इसकी दवा बनाने में लगे हुए हैं. इसी बीच यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के मुताबिक कोरोना की दवा साल के अंत तक आने की उम्मीद जताई जा रही है. मंगलवार को दवा के प्रमुख डेवलपर ने बताया कि किन्तु ऐसा कुछ निश्चित नहीं है.
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सोमवार को सामने आए डेटा के मुताबिक, प्रायोगिक दवा, जिसे एस्ट्राज़ेनेका के लिए अधिग्रहित किया गया है. उसके प्रथम चरण के नैदानिक जांच में एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का उत्पादन किया. उन्होंंने बताया कि आशा करते हैं, कि इसका उपयोग साल की समाप्ति तक किया जा सकता है.सारा गिल्बर्ट ने कहा कि दवा के आने की आशा इस साल के अंत तक है. यह एक संभावना है किन्तु इसके बारे में कोई निश्चितता नहीं है, क्योंकि हमें तीन चीजों की आवश्यक है.उन्होंने बताया कि इसे और स्टेजों के परीक्षणों से गुजरना है. ताकि सफल होने के बाद बड़ी मात्रा में वैक्सीन का निर्माण किया जा सके. वही, नियामकों को आपातकालीन उपयोग करने के लिए वैक्सीन को जल्द लाइसेंस देना होगा.
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विदित हो कि कोरोना वायरस की दवा बनाने में ब्रिटेन को बड़ी सफलता मिली है. ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा निर्मित की गई कोरोना दवा के ह्यूमन ट्रायल के पॉजीटिव परिणाम सबके सामने आए हैं.महामारी से लड़ने के लिए बनाई गई, इस दवा को इंसानी बॉडी के लिए सुरक्षित माना जा रहा है.वैज्ञानिकों ने इंसानी परीक्षण के दौरान पाया कि इस दवा से लोगों में कोरोना से लड़ने की इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बन जाती है.
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