नई दिल्ली: प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने विपक्षी नेताओं द्वारा किए गए उन दावों को खारिज कर दिया है, जिनमे कहा गया था कि दिल्ली में बारिश के कारण G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन का आयोजन स्थल बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित हुआ था।रविवार (10 सितंबर) को जैसे ही दिल्ली में बारिश हुई, G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल होने लगे।
खोखले विकास की पोल खुल गई
— Congress (@INCIndia) September 10, 2023
G20 के लिए भारत मंडपम तैयार किया गया। 2,700 करोड़ रुपए लगा दिए गए।
एक बारिश में पानी फिर गया... pic.twitter.com/jBaEZcOiv2
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सहित विपक्ष के सदस्यों ने आरोप लगाया कि रविवार तड़के दिल्ली में भारी बारिश के बाद बहुराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन स्थल पर "बाढ़ और जल जमाव" हो गया। TMC के साकेत गोखले ने एक्स, (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि, "एक पत्रकार के वीडियो के अनुसार, G20 शिखर सम्मेलन के स्थल पर आज बारिश के कारण पानी भर गया है। 4000 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद, बुनियादी ढांचे की यह स्थिति है। इन 4000 करोड़ में से मोदी सरकार ने कितने करोड़ के G20 फंड का गबन किया?'
वहीं, कांग्रेस के भी आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा गया कि, 'खोखले विकास की पोल खुल गई, G20 के लिए भारत मंडपम तैयार किया गया। 2,700 करोड़ रुपए लगा दिए गए। एक बारिश में पानी फिर गया।' हालाँकि, PIB Fact Check ने विपक्षी नेताओं के इन दावों की तथ्यात्मक जांच करते हुए इन आरोपों का खंडन किया है। PIB ने कहा है कि कार्यक्रम स्थल पर "खुले क्षेत्र में मामूली जलजमाव था, क्योंकि, रात भर बारिश हुई थी, लेकिन पंपों को काम पर लगाने के बाद महज 20 मिनट में तुरंत साफ कर दिया गया। आयोजन स्थल पर फ़िलहाल कोई जलजमाव नहीं है।' PIB ने पानी हटाए जाने के बाद का वीडियो भी शेयर किया है।
A video claims that there is waterlogging at venue of #G20Summit #PIBFactCheck:
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) September 10, 2023
✔️This claim is exaggerated and misleading
✔️Minor water logging in open area was swiftly cleared as pumps were pressed into action after overnight rains
✔️No water logging at venue presently pic.twitter.com/JiWzWx1riZ
हालाँकि, कल जब G20 सम्मेलन का अंतिम दिन था, और दुनियाभर के नेता भारत में थे, अंतर्राष्ट्रीय मीडिया नज़र रख रहा था। उस समय विपक्ष इस तरह के वीडियो सोशल मीडिया पर फैलाकर क्या साबित करना चाहता था ? क्या इससे केवल सरकार पर ऊँगली उठती, या फिर विश्व स्तर पर भारत की किरकिरी होती ? दिल्ली में रातभर बारिश हुई थी, तो पानी तो होगा ही, ये विदेशों में भी होता है, लेकिन उसे जल्द ही साफ कर दिया गया। कल जब राजघाट पर विश्व के तमाम बड़े नेता नंगे पाँव चल रहे थे, तो वहां भी कहीं-कहीं पानी नज़र आ रहा था, लेकिन कोई आपत्ति की खबर नहीं आई, सबने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और नंगे पाँव ही वापस लौटे। किन्तु, G20 समिट की शुरुआत के पहले से ही कुछ विपक्षी नेताओं ने जिस तरह का रवैया दिखाया है, वो दुखद है। आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तो साल के 365 दिन चलता रहता है, लेकिन जब देश एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा हो और अधिक से अधिक देशों के साथ नए अनुबंध बनाकर सफलता के नए आयाम रचने के लिए प्रयत्न कर रहा हो, क्या उस समय ऐसी 'नकारात्मक राजनीति' को साइड कर देशहित को आगे नहीं रखा जा सकता। हालाँकि, PIB ने कल दोपहर 12 बजे ही इन दावों की पोल खोल दी, क्योंकि जब तक G20 का दूसरा सत्र शुरू हुआ, उसके काफी पहले ही सभी चीज़ें दुरुस्त कर दी गई थीं और उसी स्थान पर G20 का समापन भी शानदार तरीके से हुआ।
G20 की सफलता :-
जिस समय भारत में विपक्षी नेताओं द्वारा G20 पर इस तरह के बयान दिए जा रहे थे, उस समय भारत की अध्यक्षता में G-20 अब तक के इतिहास का सबसे सफल सम्मेलन साबित हुआ। भारत की अध्यक्षता में हुए G20 सम्मेलन में इस बार 73 परिणाम (line of Efforts) और 39 संलग्न दस्तावेज़ (अध्यक्षता दस्तावेज़, कार्य समूह के परिणाम दस्तावेज़ शामिल नहीं) शामिल हैं। इस प्रकार भारत की अध्यक्षता में कुल 112 परिणामों और प्रेसीडेंसी दस्तावेज़ों यानी दोगुना मूल कार्य हुआ है। इससे पहले इंडोनेशिया में हुए G20 सम्मेलन में कुल 50 परिणामों और प्रेसीडेंसी दस्तावेज़ों का कार्य हुआ था, उससे पहले इटली में 65, सऊदी अरब में 30, जापान, अर्जेंटीना, जर्मनी में क्रमशः 29, 33, 22 परिणामों और प्रेसीडेंसी दस्तावेज़ों का कार्य हुआ था। साथ ही रूस-यूक्रेन के बीच विभाजित दुनिया को भारत, एकसाथ लाने में कामयाब हुआ है। भारत की अध्यक्षता में जारी G-20 शिखर सम्मेलन के घोषणा पत्र पर सभी देश सहमत हो गए।
चीन के 'बेल्ट रोड इनिशिएटिव' (BRI) को करारा जवाब देने के लिए भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, यूरोप, UAE ने मिलकर एक ऐसा इंफ़्रास्ट्रक्चर विकसित करने का प्लान बनाया है, जिससे अमेरिका और खाड़ी देशों के साथ ही यूरोप तक में भारत का डंका बजेगा और भारत वैश्विक कारोबार का एक नया और बड़ा केंद्र बन कर दुनिया में स्थापित होगा। इसमें भारत से लेकर यूरोप, सऊदी अरब तक रेल-शिपिंग कॉरिडोर बनाया जाएगा। साथ ही परिवहन क्षेत्र में जैव ईंधन के सतत उपयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत, ब्राजील और संयुक्त राज्य अमेरिका, प्रमुख जैव ईंधन उत्पादक और उपभोक्ता, वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के लिए भी राजी हो गए हैं।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी की तारीफ:-
कांग्रेस के दिग्गज नेता और लोकसभा सांसद शशि थरूर ने भी रविवार को नई दिल्ली लीडर्स समिट घोषणा को 100 प्रतिशत सर्वसम्मति से अपनाने और रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की कूटनीति की प्रशंसा की। थरूर ने इसे भारत की कूटनीतिक जीत बताते हुए कहा कि दिल्ली घोषणा को अपनाना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। थरूर ने कहा कि, 'G20 शिखर सम्मेलन तक, व्यापक उम्मीद थी कि घोषणा पर कोई समझौता नहीं होगा और इसलिए संयुक्त विज्ञप्ति संभव नहीं हो सकती है। जबकि पश्चिमी देश रूस-यूक्रेन युद्ध पर निंदा चाहते थे, चीन और रूस जैसे देशों को निंदा पसंद नहीं आई होगी।'
थरूर ने कहा कि, 'लेकिन, G20 की अध्यक्षता में मोदी सरकार का आचरण उल्लेखनीय था और उन्होंने ऐसा कुछ नहीं दोहराया जो पहले किया गया था। 58 शहरों में 200 बैठकों के साथ, उन्होंने इसे एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम बना दिया।' थरूर ने कहा, किसी भी दूसरे देश ने ऐसा कुछ नहीं किया है। इसके साथ ही शशि थरूर ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की घोषणा के लिए मोदी सरकार की सराहना की और कहा कि इस परियोजना में भविष्य के लिए जबरदस्त संभावनाएं हैं।
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