मुंबई : भाजपा और शिवसेना के बीच की दरार और बढ़ने लगी है। बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि राज्य में मध्यावधि चुनाव के लिए हमारी पार्टी तैयार है जबकि ये अटकलें जोरों पर है कि राज्य में किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं। फडणवीस ने कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि वे सरकार को गिरा सकते हैं और समर्थन वापस ले लेंगे। अगर कोई हम पर मध्यावधि चुनाव थोपेगा तो मैं विश्वास करता हूं कि हम फिर से सरकार बना लेंगे। हम मध्यावधि चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
इससे पहले फडणवीस सरकार में सहयोगी शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भाजपा को अल्टीमेटम दिया था कि किसानों की कर्जमाफी पर जुलाई महीने तक फैसला ले लें, वर्ना वे बड़ा फैसला ले सकते हैं। स्पष्टतया बड़ा फैसला लेने से उनका इशारा सरकार गिराने से था। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के किसानों के प्रति शिवसेना की पहली जिम्मेदारी है भाजपा के लिये नहीं। इस पर सरकार बचाने के लिये मुख्यमंत्री ने राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील को आदेश दिया है कि उद्धव ठाकरे से मुलाकात करें और उठाए कदम की जानकारी दें।
अभी हाल में राज्य में किसान आंदोलन के दौरान शिवसेना ने किसान संगठनों और उनकी मांगों का पूरी तरह समर्थन किया था। किसानों के सहारे अपने जनाधार को मजबूत करने के लिये शिवसेना भी जोर आजमाइश कर रही है और वह कोई भी मौका नहीं गंवाना चाहेगी। भाजपा ने इस रूख पर कर्जमाफी की घोषणा कर दी है। भाजपा मानती है कि वह कर्जमाफी करके किसानों का भरोसा हासिल कर सकेगी।
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