मेवाड़ के लोकप्रिय कृष्ण धाम चित्तौड़गढ़ जिले के सांवलिया जी में कोरोना महामारी के पश्चात् खोले गये भंडार में 3 करोड़ से ज्यादा की रकम का चढ़ावा निकला। वही विशेष बात यह है कि 3 महीने के लॉकडाउन के पश्चात् सिर्फ 10 दिन में यह चढ़ावा निकला। सांवलिया जी में गत 10 अप्रैल को चतुर्दशी पर भंडार खोला गया था। इसके पश्चात् कोरोना महामारी के कारण मंदिर में भक्तों की दर्शन व्यवस्था बंद कर दी गई थी जो पुनः 28 जून के पश्चात् नए दिशा-निर्देशों के अनुरूप खोली गई।
सांवलिया सेठ की महिमा का बखान इसी बात से किया जा सकता है कि मंदिर खोलने के सिर्फ 10 दिन में भंडारे से 3 करोड़ 12 लाख से ज्यादा का चढ़ावा निकला। इसके अलावा 33 ग्राम सोना तथा 1370 ग्राम चांदी के आभूषण भी चढ़ावे में निकले। प्रत्येक महीने की भांति अमावस्या के एक दिन पहले खोले गये भंडारे में मंदिर परिसर में गणना शुरू की गई जिसमें मंदिर कर्मचारियों द्वारा गणना का दृश्य सामान्य रूप से श्रद्धालुओं के लिये बंद होता है, मगर सभी के लिये आकर्षण तथा जिज्ञासा का केंद्र भी बना रहता है।
वही श्री सांवलिया जी प्राकट्य स्थल नाम से लोकप्रिय इस स्थान से सांवलिया सेठ की 3 मूर्तियों के उद्गम का भी अपना इतिहास है। सन 1840 में तत्कालीन मेवाड़ राज्य में उदयपुर से चित्तौड़ जाने के लिए बनने वाली कच्ची सड़क के निर्माण में बागुन्ड गांव में बाधा बन रहे बबूल के पेड़ को काटकर खोदने पर वहां से प्रभु श्री कृष्ण की सांवलिया स्वरूप 3 मूर्तियां निकली थीं। 1978 में भव्य जनसमूह की मौजूदगी में मंदिर पर ध्वजारोहण किया गया था। इस स्थल पर अब एक बहुत ही नयनाभिराम एवं भव्य मंदिर बन चुका है। 36 फुट ऊंचा एक भव्य शिखर बनाया गया है जिस पर फरवरी 2011 में स्वर्णजड़ित कलश व ध्वजारोहण किया गया।
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