नई दिल्ली : सावन का महीना शुरू हो गया है और देशभर के शिवमंदिरों में भगवान शिव की आराधना की जा रही है. हर मंदिर की अपनी अलग परंपरा होती है जहां अलग-अलग रीती रिवाज निभाए जाते हैं. ऐसे ही बात करें शिव मंदिर की तो आज एक ऐसे शिव मन्दिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आप नहीं जतने होंगे. शिव मंदिर में भगवान शिव को खुश करने के लिए कुछ न कुछ अर्पित किया जाता है और एक लेकिन एक मंदिर ऐसा भी है जहाँ पर भगवान शिव को सिर्फ झाड़ू चढाई जाती है. इसके पीछे भी एक कारण है.
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दरअसल, ये मंदिर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के गांव बीहजोई पातालेश्वर नाम का प्राचीन शिव मंदिर है जहाँ पर भक्त उन्हें झाड़ू चढ़ाते हैं, आम तौर पर सभी भगवान शिव को धतूरा और बेल पत्र चढ़ाते हैं लेकिन यहां रिवाज कुछ अलग ही है. यहां के लोगों का मानना है कि शिव लिंग पर झाड़ू चढाने से कई मुरादें पूरी होती हैं और बड़ी बात ये है कि वहां के लोग ये मानते हैं ऐसा करने से स्किन से जुड़ी हर परेशानी दूर होती है. इसी कारण यहां लोग दूर-दूर से आते हैं और भगवान शिव को झाड़ू चढ़ाते हैं जिनसे उनकी भी स्किन की परेशानी दूर होती है.
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इसके पीछे एक कहानी है और सावन के महीने में भी कई लोग यहां जाते हैं और पूजा पाठ के दौरान झाड़ू भी चढ़ाते हैं. यहाँ के पुजारी का कहना है कि ये मंदिर करीब 150 साल पुराना है और झाड़ू चढाने की प्रथा कई सालों से चली आ रही है जिसे भक्त आज भी मानते हैं. इसकी कथा कुछ ऐसी है -
यूपी के इसी गाँव में इस गाँव में एक धनी रहता था जिसे त्वचा से जुड़ा रोग हो गया था जिसका इलाज सम्भव नहीं हुआ. जब ये धनी इलाज के जा रहा था तो मंदिर में जा कर एक महंत से टकरा गया जो झाड़ू मार रहा था. इसी से टकरा कर उसका चर्म रोग ठीक हो गया जिसके बाद उसने ये मंदिर बनवाने की सोची जिसके बाद ये मन्दिर प्रचलित हो गया और आज भी लोग यहाँ पर झाड़ू चढ़ाने आते हैं.
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