नई दिल्ली : देश के केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने शनिवार को कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों और पश्चिम बंगाल में प्राकृतिक गैस के परिवहन के लिए 9000 करोड़ रुपये की गैस ग्रिड परियोजना को स्वीकृति दे दी गई है। प्रधान ने ओएनजीसी के 215 करोड़ रुपये के सोनामुरा गैस संग्रहण स्टेशन के उद्घाटन के मौके पर कहा, "असम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक गैस उपलब्ध है, जिसका 9,265 करोड़ रुपये के नार्थ ईस्ट गैस ग्रिड के लिए बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया जा रहा है।
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ऐसे बनी परियोजना पर सहमति
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों और सिलिगुड़ी के रास्ते पश्चिम बंगाल में परिवहन के लिए इस परियोजना को हरी झंडी दे दी है।" ओएनजीसी के एक अधिकारी ने बताया कि एनईजीजी पांच तेल व प्राकृतिक गैस कंपनियों का संयुक्त उपक्रम है, जिसमें ओएनजीसी समेत अन्य कंपनियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद से घरेलू गैस का परिवहन और उपलब्धता आसान हुई है, जिसमें चटगांव अंतर्राष्ट्रीय समुद्री बंदरगाह और सड़क मार्ग से एलपीजी को ले जाने पर सहमति बनी है।
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समय भी लगेगा कम
जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्री ने कहा, "पूर्वोत्तर में ट्रकों से एलपीजी टैंकर या सिलिंडर ले जाना वहां के पहाड़ी रास्तों की वजह से मुश्किल है। बांग्लादेश से इसे ले जाने में न केवल लागत में कमी आएगी, बल्कि समय भी कम लगेगा। वही उन्होंने कहा कि त्रिपुरा गैस रिजर्व का इस्तेमाल करने से भी राज्य के आय बढ़ेगी।
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