नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है और इससे पहले लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों का नया संकलन जारी किया है, जिन्हें ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में शामिल किया गया है। अब संसद भवन के परिसर में अब धरना प्रदर्शन पर भी रोक लगाने की घोषणा कर दी गई है। जारी आदेश के अनुसार, संसद भवन के परिसर में कोई सदस्य धरना प्रदर्शन, हड़ताल, भूख हड़ताल नहीं कर सकेगा। इसके साथ ही संसद परिसर में कोई धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित नहीं हो सकेगा।
Vishguru's latest salvo — D(h)arna Mana Hai! pic.twitter.com/4tofIxXg7l
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 15, 2022
वहीं, मोदी सरकार के इस फैसले पर विपक्ष भड़क गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने भी इस पर ट्वीट करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर आदेश की कॉपी शेयर करते हुए लिखा है कि, 'विश्वगुरु का नया काम- D(h)arna मना है।' बता दें कि, इससे पहले सचिवालय द्वारा असंसदीय शब्दों का संकलन जारी किया था। इसके तहत, यदि कोई सदस्य पीठ (Chair) पर आक्षेप करते हुए यह कहते हैं कि जब आप इस प्रकार से चिल्ला कर वेल में जाते थे, उस समय को याद करूं या आज जब आप कुर्सी पर बैठे हैं तो इस समय को याद करूं.., तो उन शब्दों को भी रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं माना जाएगा।
संकलन के मुताबिक, असंसदीय शब्द, वाक्य या अमर्यादित अभिव्यक्ति की श्रेणी में रखे गए शब्दों में 'जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सांसद, शकुनि, जयचंद, लॉलीपॉप, चाण्डाल चौकड़ी, गुल खिलाए, पिठ्ठू, कमीना, काला सत्र, दलाल, खून की खेती, छोकरा, कोयला चोर, गोरू चोर, चरस पीते हैं, सांड' जैसे शब्दों को रखा गया है।
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