देवी देवता के नाम से हर दिन कोई ना कोई जयंती मनाई जाती है. कुछ ऐसी भी होती हैं जिनके बारे में सभी को नहीं पता होता. ऐसी ही एक होती है धूमावती जयंती जिसे ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है. बड़े-बड़े मंदिरों में इसे मनाया जाता है और आपको बता दें, इस दिन दस महाविद्या का पूजन, धूमावती देवी के स्तोत्र का पाठ, सामूहिक जप-अनुष्ठान किया जाता है. अगर आप भी नहीं जानते तो आपको बता देते हैं इस बार ये जयंती 20 जून को मनाई जाएगी जो बहुत ही खास होती है.
इसी के साथ पूजन विधि भी हम आपको बताने जा रहे हैं जिसे आपको उस दिन करना चाहिए. कहते हैं इनकी आराधना करने से सभी भक्तों की मनोकामना पूरी होती है और दुखों का नाश होता है. माना जाता है इस जयंती पर काले तिल को काले वस्त्र में बांधकर मां धूमावती को चढ़ाना चाहिए जिससे आपकी सभी इच्छाएं पूरी होंगी.
आपको बता दें ये रूप माता पार्वती का ही एक रूप है जो काफी उग्र हैं. वहीं ये सफ़ेद रंग के वस्त्र में पूजी जाती हैं जिनके केश भी खुले होते हैं. कहा जाता है माँ धूमादेवी विधवा के रूप में पूजी जाती हैं जिनका वहां एक कौवा है. इसके आगे आपको बता देते हैं कैसे करें इनका पूजन.
ऐसे करें पूजन -
इनका पूजन खासतौर पर गुप्त नवरात्री में किया जाता है. सुबह जल्दी उठकर घर की सफाई कर घर को शुद्ध जल से पवित्र करना चाहिए. उसके बाद जल, पुष्प, सिन्दूर, कुमकुम, अक्षत, फल, धूप, दीप तथा नैवैद्य से मां का पूजन करना चाहिए. इसी के साथ उनकी कथा सुने मनोकामना पूरी होगी.