नई दिल्ली : चकचौंध से भरी इस दुनिया में आराम वाली जिंदगी किसे पसंद नहीं है , लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपने बेटे को जीवन का यथार्थ और रुपयों का मोल समझाने के लिए उन्हें व्यवहारिक बनने का पाठ पढ़ाते हैं. ऐसे लोगों में कर्मचारियों को कार और फ्लैट देने वाले गुजरात के हीरा व्यवसायी घनश्याम ढोलकिया का नाम लिया जा सकता है.जिन्होंने अपने बेटे हितार्थ ढोलकिया को जिंदगी का मतलब समझाने और अपने पैरों पर खड़े होने के लिए घर से बाहर नौकरी के लिए भेजा था.
उल्लेखनीय है कि करोड़ों का कारोबार करने वाले घनश्याम ढोलकिया के बेटे हितार्थ ने जिंदगी की शुरुआत में 5000 रुपए की नौकरी की थी.मिली रिपोर्ट के मुताबिक ढोलकिया ने बेटे को यह चेतावनी दी थी कि वह किसी को उनकी पहचान न बताएं,ताकि उनके बेटे को उनके नाम का फायदा मिल सके. एक वेबसाइट में प्रकाशित खबर के अनुसार शुरुआत में बेटे हितार्थ को घर से दूर भेजते हुए ढोलकिया ने अपने बेटे को तीन शर्तों के साथ घर से बाहर भेजा था. इसमें पहली शर्त थी कि वह उनका नाम लेकर किसी को प्रभावित नहीं करेगा. दूसरी शर्त यह थी कि वह एक हफ्ते से ज्यादा रुककर एक जगह काम नहीं करेगा. तीसरी शर्त थी कि घर से मिले पैसों का इस्तेमाल वह केवल परेशानी में ही करेगा.
बता दें कि हितार्थ ढोलकिया ने अपने रहने के लिए हैदराबाद को चुना. यहां उन्होंने कॉल सेंटर, बेकरी, जूतों की दुकान और मैकडोनाल्ड आदि में नौकरी की. यहां काम करके हितार्थ ने महीनेभर में करीब 5000 रुपए कमाए. इस दौरान सिकंदराबाद में उन्होंने 100 रुपए में एक कमरा लेकर उसमे 17 लोगों के साथ शेयर किया था. इससे उन्हें जीवन की परेशानियों को समझने का मौका मिला. यहाँ इस बात का उल्लेख उचित है कि कर्मचारियों को कार और फ्लैट देने वाले गुजरात के हीरा व्यवसायी घनश्याम ढोलकिया ने इस बार दिवाली पर सुरक्षा का संदेश देते हुए अपने कर्मचारियों को हेलमेट गिफ्ट किया. इसके माध्यम से उन्होंने जिंदगी बचाने का संदेश दिया.
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