कुवैत में एक सात हजार साल पुरानी मिट्टी की मूर्ति मिली है, जो आजकल के एलियनों जैसी दिखती है। इस मूर्ति के स्वरूप को देखकर यह सवाल उठता है कि क्या उस समय एलियन पृथ्वी पर आते थे, जिनकी शक्ल देखकर किसी इंसान ने इस मूर्ति को उनके जैसा बना दिया? भले ही सुपरनेचुरल शक्ल वाली मूर्ति है, लेकिन ऐसी मूर्तियाँ मेसोपोटामिया में भी पाई जाती रही हैं।
इस प्राचीन मूर्ति की उम्र करीब सात हजार साल है तथा यह कुवैत तथा अरेबियन खाड़ी क्षेत्र में पहली बार इस तरह की शक्ल में मिली है। यह मूर्ति एक छोटी, परंतु अत्यधिक सटीक कारीगरी के साथ नक्काशी की गई मिट्टी की मूर्ति है। इसके चेहरे की खासियत यह है कि इसकी आंखें पतली और लंबी हैं, नाक चपटी और खोपड़ी लंबी है, जो एक अजनबी या एलियन जैसी शक्ल प्रतीत होती है। यह मूर्ति उत्तरी कुवैत के बहरा-1 प्राचीन स्थल से प्राप्त की गई है।
बहरा-1, कुवैत का एक अत्यधिक महत्वपूर्ण प्राचीन स्थल है, जहां पर खनन कार्य 2009 से चल रहा है। यह स्थान अरबी प्रायद्वीप के सबसे पुराने रिहायशी इलाकों में से एक माना जाता है तथा यहां 5500 से 4900 B.C. तक लोग रहते थे। उस समय इस क्षेत्र में उबैद नामक एक सामुदायिक लोग रहते थे, जो मेसोपोटामिया से आए थे। उबैद लोग अपने समय में मिट्टी के सामानों और हस्तशिल्प कला में माहिर थे, और उनके द्वारा बनाई गई मूर्तियों में आमतौर पर छिपकली के सिर, पक्षी के सिर या सांप के सिर वाली मूर्तियाँ मिलती हैं।
उबैद समुदाय और उनकी सांस्कृतिक विरासत
उबैद समुदाय मेसोपोटामिया के पहले बड़े सभ्यताओं में से एक था और उनकी संस्कृति के कई महत्वपूर्ण पहलुओं का पता चला है। शिमजैक ने इस बारे में बताया कि उबैद लोग आहिस्ता-आहिस्ता नेयोलिथिक काल (नवपाषाण काल) के साथ मिलते गए, जिससे अरेबियन खाड़ी क्षेत्र में एक नई समाज व्यवस्था का विकास हुआ। यह मिलन लगभग 7,000 साल पहले हुआ था, और इसके परिणामस्वरूप सांस्कृतिक बदलाव और विचारों का आदान-प्रदान हुआ।
बहरा-1 स्थल पर किए गए खुदाई कार्य में अब तक डेढ़ हजार प्राचीन वस्तुएं प्राप्त की गई हैं। इनमें से अधिकांश वस्तुएं उबैद संस्कृति से जुड़ी हैं, जिनमें मिट्टी के बर्तन, विभिन्न प्रकार की मूर्तियाँ और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं शामिल हैं। लेकिन इस बार जो मूर्ति मिली है, वह सबसे अलग और अनोखी है। शिमजैक ने कहा कि यह मूर्ति मेसोपोटामिया की मिट्टी से बनी है तथा इसका रूप उबैद समुदाय की सामान्य मूर्तियों से बिलकुल अलग है। उबैद की मूर्तियों में अक्सर जानवरों के सिर जैसे छिपकली, पक्षी या सांप के सिर होते थे, किन्तु यह पहली बार है कि एक एलियन जैसी आकृति की मूर्ति सामने आई है, जो दुनिया भर के शोधकर्ताओं और इतिहासकारों के लिए एक बड़ी हैरानी का कारण बनी है।
वही कुवैत में मिली इस सात हजार साल पुरानी मूर्ति ने न केवल इतिहासकारों बल्कि पूरी दुनिया को चौंका दिया है। यह प्राचीन प्रतिमा एक ऐतिहासिक पहेली के रूप में सामने आई है, जो आने वाले समय में और भी शोध और चर्चा का कारण बनेगी।