'सलाह नहीं मानी, इसलिए गंवाया महाराष्ट्र..', राहुल गांधी पर किसने फोड़ा हार का ठीकरा?

'सलाह नहीं मानी, इसलिए गंवाया महाराष्ट्र..', राहुल गांधी पर किसने फोड़ा हार का ठीकरा?
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मुंबई: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना का गठबंधन) की हार के बाद गठबंधन के भीतर खटपट साफ दिखाई दे रही है। चुनाव परिणामों के बाद सहयोगी दल कांग्रेस और राहुल गांधी पर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं। गठबंधन के मुख्य दलों के बीच तनाव और आपसी असहमति के संकेत सामने आए हैं। 

टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) ने गठबंधन की बैठक में भाग नहीं लिया। पार्टी ने कहा कि उसके नेता कोलकाता में अपनी कार्यकारिणी की बैठक में व्यस्त थे, लेकिन इसे कांग्रेस के लिए चिंता का संकेत माना जा रहा है। टीएमसी ने चुनावी गठबंधन की जिम्मेदारी से खुद को अलग बताते हुए कहा कि उसने पश्चिम बंगाल में अपनी ताकत के बल पर सभी छह सीटें जीतीं। टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी ने यहां तक कहा कि अब इंडिया गठबंधन का नेतृत्व ममता बनर्जी को सौंप देना चाहिए। 

रिपोर्ट्स के अनुसार, इंडिया गठबंधन के नेताओं का मानना है कि राहुल गांधी की चुनावी रणनीति ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों को नुकसान पहुंचाया।  

1. वीर सावरकर पर टिप्पणी: राहुल गांधी के सावरकर को लेकर हमले से कई लोगों की भावनाएं आहत हुईं, जिससे गठबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी हुईं।  

2.जातिगत सर्वे: कांग्रेस द्वारा जातिगत सर्वेक्षण की वकालत करने को बीजेपी ने हथियार बना लिया और कहा कि कांग्रेस सत्ता में आई तो आरक्षण खत्म कर देगी। महाविकास अघाड़ी इस आरोप का प्रभावी तरीके से जवाब नहीं दे पाया।  

3.प्रधानमंत्री पर सीधा हमला: राहुल गांधी का लगातार पीएम मोदी पर निशाना साधना भी नकारात्मक साबित हुआ। कई सहयोगियों ने उन्हें यह रणनीति बदलने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया।  

कांग्रेस के लिए चुनौती:  -

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस के भीतर से भी राहुल गांधी को सुझाव दिया गया था कि वह "संविधान खतरे में है" जैसे नारों से बचें, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया। उनके इस रुख ने सहयोगी दलों को असंतुष्ट किया और गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर दिए।चुनाव में हार और गठबंधन के भीतर तनाव ने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की भविष्य की संभावनाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सहयोगी दलों की आपसी नाराजगी और राहुल गांधी की रणनीति पर आलोचना से गठबंधन के नेतृत्व के भविष्य पर अनिश्चितता बढ़ गई है।

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