जयपुर: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने शनिवार को अपने पूर्व विशेष कर्तव्य अधिकारी (OSD) लोकेश शर्मा द्वारा लगाए गए फोन टैपिंग के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि लोगों का "पार्टियां बदलना" काफी आम है, इसलिए "सच्चाई पर ध्यान दें"। उन्होंने कहा कि, "मुझे नहीं पता कि उन्होंने क्या खुलासे किए हैं, मैं ऐसी बातों में नहीं पड़ता। राजनीतिक माहौल को देखते हुए, लोगों का पार्टी बदलना काफी आम है, इसलिए कौन क्या कह रहा है, इसमें उलझने के बजाय सच्चाई पर ध्यान देना ज्यादा महत्वपूर्ण है।"
बता दें कि, पिछले हफ्ते, एक चौंकाने वाले रहस्योद्घाटन में, शर्मा ने कहा कि फोन पर बातचीत की कथित ऑडियो क्लिप, जिसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कुछ कांग्रेसी नेता 2020 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार को हटाने पर चर्चा कर रहे थे, उन्हें गहलोत द्वारा प्रदान किया गया था। शर्मा ने आरोप लगाया है कि गहलोत सचिन पायलट समेत बागी कांग्रेस नेताओं के फोन टैप करते थे। उन्होंने दावा किया कि समाचार संगठनों को उपलब्ध कराए गए बागी कांग्रेस नेताओं के ऑडियो क्लिप और उनके फोन कॉल उन्हें खुद राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री ने दिए थे।
25 अप्रैल को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा था कि, "आज तक, मैं सभी को बताता रहा कि मुझे वो ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया से मिलीं। लेकिन यह सच नहीं है। 16 जुलाई, 2020 को कुछ ऑडियो क्लिप मीडिया के माध्यम से वायरल हो गईं, क्योंकि मैंने उन्हें अपने फोन नंबर का उपयोग करके मीडिया के साथ साझा किया था। 'उन ऑडियो में विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सरकार गिराने की साजिश की जा रही थी।''
शर्मा ने कहा था कि, ''16 जुलाई, 2020 को अशोक गहलोत होटल फेयरमोंट आए, क्योंकि उस समय सभी बागी नेताओं को उसी होटल में रखा गया था। सीएम के जाने के एक घंटे बाद, उनके PSO रामनिवास ने मुझे फोन किया और मुझे सीएम हाउस आने के लिए कहा। सीएम मुझसे मिलना चाहते थे, मेरे पहुंचते ही सीएम ने एक पेन ड्राइव और एक कागज दिया, जिसे मैंने आपके (मीडिया) माध्यम से लोगों के बीच वितरित किया।इस पेपर में कथित तौर पर गजेंद्र सिंह शेखावत, दिवंगत विधायक भंवरलाल शर्मा और संजय जैन के बीच बातचीत का संदर्भ था, इस पेन ड्राइव में उनका ऑडियो था।''
शर्मा ने आरोप लगाया था कि, "मुझे सोशल मीडिया पर ऑडियो प्रसारित करने के लिए कहा गया था। मुझे ये ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया के माध्यम से नहीं मिलीं, सीएम अशोक गहलोत ने उन्हें इस पेन ड्राइव में मुझे दिया और मीडिया में प्रसारित करने के लिए कहा।" शर्मा ने आगे आरोप लगाया कि राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री (गहलोत) इस मामले में भाजपा का हाथ बताना चाहते थे और इसलिए गजेंद्र सिंह शेखावत को पूरे मामले में मुख्य आरोपी के रूप में देखा गया और यह आरोप लगाया गया कि भाजपा, सचिन पायलट और अन्य विधायकों के साथ मिलकर सत्ता पलटने का प्रयास कर रही थी।
इस बीच, राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने लोकेश शर्मा द्वारा लगाए गए "फोन टैपिंग" आरोपों की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा है कि,“पूर्व सीएम अशोक गहलोत के पूर्व OSD, जिन्हें वह (अशोक गहलोत) एक भरोसेमंद आदमी मानते थे और जो हमेशा उनके साथ छाया की तरह रहते थे, उस व्यक्ति ने उनके बारे में खुलासा किया और कहा कि टेलीफोन निगरानी पर रखे गए थे, यहां तक कि टैप भी किए गए थे और कई घोटाले किए गए थे। फिर गहलोत साहब का यह कहना कि लोकेश शर्मा कौन है, हास्यास्पद है।''
राठौड़ ने कहा कि, "आज गहलोत साहब दूरी बनाए हुए हैं। मैंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लिखा है कि जांच होनी चाहिए, जिन्होंने टेलीग्राफ एक्ट 1955 का उल्लंघन करके तत्कालीन मुख्यमंत्री के इशारे पर ऐसा किया, वे जहां भी हों, उन्हें बेनकाब किया जाना चाहिए।"
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