'मरना नहीं चाहते थे लेकिन…', 11 पन्नों का सुसाइड नोट लिख दंपति ने ख़त्म की जीवनलीला

'मरना नहीं चाहते थे लेकिन…', 11 पन्नों का सुसाइड नोट लिख दंपति ने ख़त्म की जीवनलीला
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गाजियाबाद: गाजियाबाद के शालीमार गार्डन में 18 दिसंबर को एक पति-पत्नी ने आत्महत्या कर ली। दोनों पर कर्ज का बोझ था, जिसके कारण उन्होंने यह खौफनाक कदम उठाया। पुलिस एवं फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की तथा घटनास्थल से एक 11 पेज का सुसाइड नोट बरामद किया, जिसमें मृतक दंपति ने कर्ज के कारणों एवं आत्महत्या के फैसले को स्पष्ट किया। सुसाइड नोट में यह भी बताया गया कि कर्ज वसूलने आए लोगों की धमकियों से दंपति मानसिक रूप से परेशान थे, जिनमें दिल्ली पुलिस का एक कांस्टेबल भी शामिल था।

सुसाइड नोट के अंतिम पन्ने पर मृतक पत्नी रीना गुप्ता ने लिखा था, "हम मरना नहीं चाहते थे, लेकिन थोड़े समय की मांग करने के बावजूद पैसे मांगने वाले हमें लगातार परेशान कर रहे थे। अब हमारे पास कोई और रास्ता नहीं बचा।" यह शब्द उनकी निराशा और मानसिक दबाव को दर्शाते हैं, जो कर्ज वसूलने वाले लोगों की धमकियों के कारण उत्पन्न हुआ था। नोट से यह स्पष्ट है कि इस जोड़े ने अंततः आत्महत्या करने का रास्ता चुना क्योंकि वे अपनी परेशानियों से उबरने के लिए कोई समाधान नहीं देख पा रहे थे।

पंकज गुप्ता एवं रीना गुप्ता का शव उनके घर के अलग-अलग कमरों में पंखे से लटका हुआ पाया गया। पंकज गुप्ता की पहली पत्नी से एक बेटा है, जो मानसिक रूप से कमजोर है और 12 साल का है। वह अपने दादा के घर पर रहता था, इस घटना के वक़्त वह वहां नहीं था। पंकज के भाई को इस खौफनाक घटना की जानकारी तब मिली जब वह उनके घर पहुंचा और देखा कि कमरे का दरवाजा खुला हुआ था। जब उसने अंदर जाकर देखा, तो दोनों शव पंखे से लटके हुए थे। यह दृश्य देखकर वह घबरा गया और चीख पड़ी, जिसके बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। पुलिस को सूचना दी गई एवं जांच के लिए फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया।

सुसाइड नोट में पंकज गुप्ता ने अपनी समस्याओं का विस्तार से जिक्र किया है। पंकज ने बताया कि उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर एक क्लब खोला था, मगर उसका दोस्त धोखाधड़ी करके उसे लाखों रुपये का कर्ज दिलवा बैठा। पंकज ने कई बार अपने दोस्त से पैसे लौटाने की बात की, लेकिन दोस्त ने कोई समाधान नहीं दिया। पंकज ने यह भी बताया कि उसका दोस्त दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल था तथा उसने उसे धमकियां दीं। सुसाइड नोट में यह भी उल्लेख है कि पंकज का मामा, जो दिल्ली पुलिस में सिपाही था, दोस्त की मदद करता था और उसे धमकियां देता था।

इसके अतिरिक्त, पंकज ने बताया कि वह जिस फ्लैट में रह रहे थे, वह मणिपुर के एक व्यक्ति का था। पंकज ने 2018 में पांच लाख रुपये की लीज पर यह फ्लैट लिया था। हालांकि, कोरोना काल में मकान मालिक की मृत्यु के बाद पंकज फ्लैट खरीदने में सक्षम नहीं हो सका। पंकज ने अपनी परेशानियों का जिक्र करते हुए लिखा कि मकान मालिक की बेटी उन्हें निरंतर घर खाली करने के लिए धमका रही थी। एक बार उसने पंकज को दिल्ली की एक पुलिस चौकी में ले जाकर धमकाया और कहा कि अगर वह घर नहीं खाली करेंगे, तो पुलिस उन्हें परेशान करेगी।

सुसाइड नोट में पंकज ने बताया कि चौकी प्रभारी ने मामले को सुलझाने के लिए 40 हजार रुपये की मांग की। इसके अतिरिक्त, मकान मालिक की बेटी ने पंकज को 1 लाख 40 हजार रुपये का चेक दिया और उससे घर खाली करने की धमकी दी। पंकज ने यह भी लिखा कि महिला अपने रिश्तेदार को इंटरनेशनल स्तर का मुक्केबाज बताकर उन्हें और उनके परिवार को धमकाती थी और पुलिस भेजने की धमकी देती थी। यह सब तनाव और समस्याओं के बीच पंकज और रीना की स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई, जो अंततः इस दुखद घटना की ओर ले गई।

पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर सुसाइड नोट की जांच की और फॉरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया। सुसाइड नोट में कर्ज, धमकियों एवं भ्रष्टाचार के बारे में दिए गए ब्योरे के आधार पर पुलिस ने मामले की गंभीरता से तहकीकात आरम्भ कर दी है। फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि पंकज और रीना की आत्महत्या के पीछे कितने और लोग शामिल हैं, किन्तु इस घटनाक्रम ने गाजियाबाद और आसपास के इलाकों में कर्ज के मामलों और अवैध दबाव की गंभीरता को उजागर किया है। पुलिस द्वारा मामले की जाँच जारी हैं। 

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