सौभाग्य योजना के तहत हर घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है. इस साल मध्य प्रदेश में चुनाव होने हैं. ऐसे में लगता है कि राज्य में से चुनाव से पहले 45 लाख घरों में बिजली पहुंचाने में सरकार को समस्या का सामना करना पड़ सकता है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि अब भी तक लगभग बीस हजार छोटे गांवों में बिजली के लिए खंभे भी नहीं लग पाएं हैं. घरों में बिजली पहुंचाने के लिए सौभाग्य योजना के अलावा अन्य योजना का सहारा भी लेना पड़ेगा.
घरों में बिजली पहुंचाने के लिए ऊर्जा विभाग के लिए मुश्किल ये है कि राज्य में ऐसे तकरीबन बीस हजार छोटे गांव और टोलों हैं. जहां पहले बिजली के खंभे लगाए जाने हैं. खंबे के बाद ही कनेक्शन दिए जा सकेंगे.
ऐसे में पहले खंभे लगाने में समय लगेगा. बताया जाता है कि ऊर्जा विभाग के पास इसके लिए बजट की कमी भी है.सरकार ने योजना के लिए 690 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है. विभाग को अभी तक 260 करोड़ रुपए ही मिल सके हैं. ऊर्जा विभाग छोटे गांव और टोलों में बिजली कनेक्शन देने के लिए अलग से एक हजार करोड़ रुपए की मांग भी की है.
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