मैक्स हॉस्पिटल हादसे से सबक लेते हुए आईआईटी मद्रास रिसर्च पार्क के वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित कर ली है ताकि यह हादसा दोबारा दोहराया ना जाए. डिजिटल थर्मामीटर फीवर वॉच नाम की यह तकनीक अब डॉक्टरों को उनके सेल फ़ोन पर प्रति मिनट नवजात के शरीर का तापमान बताएगी. मोबाइल ऐप के माध्यम से डॉक्टर लगातार बच्चे के तापमान पर नज़र रख सकेंगे.
रिशर्च पार्क स्थित हेलीक्शन कंपनी के सीईओ व एमडी केएन विजय शंकर राजा ने जानकारी देते हुए बताया के - "प्री-मैच्योर व नवजात के शरीर का तापमान अक्सर कभी ज्यादा तो कभी बेहद नीचे गिर जाता है. इसी के चलते कई बार डॉक्टरों को उनकी धड़कन तक सुनाई नहीं देती है. कई बार डॉक्टर जिंदा नवजात को भी मृत समझ लेते हैं. डिजिटल थर्मामीटर फीवर वॉच की तकनीक की मदद से ऐसे हादसे रोकने में मदद मिलेगी."
यह डिवाइस 24 डिग्री से लेकर 44 डिग्री तक का तापमान मापने में सक्षम है. इस किट में एक डिजिटल थर्मामीटर वॉच और दूसरा तापमान मापने की डिवाइस शामिल है. डिजिटल वॉच नवजात की छाती पर जबकि अन्य दूसरी डिवाइस साइड में लगी होगी. इस डिवाइस की सहायता से डॉक्टर के मोबाइल पर एप की मदद से लगातार अपडेट मिलती रहेगी.
इसके लिए डॉक्टर्स को प्ले स्टोर पर जाकर वॉच का ऐप मोबाइल पर डोनलोड करना होगा. यह एप एंड्रायड समेत आईफोन वर्जन पर भी चलेगा. वहीँ डिवाइस को ब्लूटूथ के माध्यम से मोबाइल से कनेक्ट किया जा सकेगा. वहीँ जैसे ही तापमान में वृद्धि या कमी आएगी तो मोबाइल पर नोटिफिकेशन और अलार्म अलर्ट मिल जायेगा. इस डिवाइस से डॉक्टर्स को काफी मदद मिलेगी और मैक्स जैसे हादसे नहीं होंगे.
मैक्स हॉस्पिटल की बढ़ीं मुश्किलें