नई दिल्ली: पिछले 3 वर्षों में वक्फ संपत्तियों को लेकर देशभर में 488 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें से सबसे अधिक 244 शिकायतें वर्ष 2022 में सामने आईं। इस विषय पर केंद्र सरकार ने संसद में जानकारी देते हुए वक्फ संपत्तियों से संबंधित कई अहम आंकड़े साझा किए। केंद्र सरकार के मुताबिक, देश में कुल 8.72 लाख वक्फ की अचल संपत्तियां हैं। ये संपत्तियां धार्मिक, सामाजिक, और सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए उपयोग में लाई जाती हैं। हालांकि, इन संपत्तियों के प्रबंधन और स्वामित्व को लेकर कई विवाद और अनियमितताएं सामने आई हैं।
सरकार ने बताया कि इनमें से 994 संपत्तियां ऐसी हैं जो गलत तरीके से वक्फ को हस्तांतरित की गई हैं। इन संपत्तियों का हस्तांतरण विभिन्न प्रदेशों में हुआ है, किन्तु इसमें तमिलनाडु का योगदान सबसे अधिक है। अकेले तमिलनाडु में 734 संपत्तियां इस श्रेणी में आती हैं। राजस्थान में इस प्रकार की 63 संपत्तियां पाई गई हैं, जबकि अन्य राज्यों में भी ऐसी अनियमितताओं की खबरें सामने आई हैं।
डिजिटलीकरण की प्रगति
वक्फ संपत्तियों के डिजिटलीकरण पर भी सरकार ने विस्तृत जानकारी दी। देशभर में 8.72 लाख वक्फ संपत्तियों में से अब तक सिर्फ 3.3 लाख संपत्तियों का ही डिजिटलीकरण हो सका है। इसका मतलब है कि वर्तमान में सिर्फ 37 प्रतिशत संपत्तियां डिजिटल रिकॉर्ड में दर्ज हैं। डिजिटलीकरण की इस धीमी गति को लेकर कई सवाल उठे हैं, क्योंकि यह प्रक्रिया वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और बेहतर प्रबंधन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। डिजिटल रिकॉर्ड से इन संपत्तियों के दुरुपयोग तथा अनियमितताओं को रोकने में मदद मिल सकती है।
संशोधन कानून और बढ़ती शिकायतें
हाल ही में वक्फ संपत्तियों को लेकर एक संशोधन कानून पारित किया गया है, जिसने इस मुद्दे को और अधिक चर्चा में ला दिया है। इस कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार करना तथा उनके डिजिटलीकरण की प्रक्रिया को तेज करना है। सरकार ने यह भी बताया कि बीते कुछ वर्षों में वक्फ संपत्तियों से जुड़े मामलों की शिकायतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2022 में 244 शिकायतें दर्ज की गईं, जो कुल शिकायतों का बड़ा हिस्सा है। यह संकेत करता है कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार की तत्काल आवश्यकता है।