भोपाल: मध्य प्रदेश में उपचुनाव का चुनावी रण जारी है। शुक्रवार को बुधनी में आयोजित नामांकन जनसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हुंकार भरी। शिवराज ने कहा, "मेरी जन्मभूमि बुधनी, मेरी कर्मभूमि बुधनी। अपनी पुण्य भूमि बुधनी, ये वंदनीय बुधनी है। इस धरा को प्रणाम। इसी धरती से, जो कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी, भारतीय जनता पार्टी को स्थापित करने के लिए इन कार्यकर्ताओं ने नए रिकॉर्ड बनाए। जब मैं चुनाव लड़ता था, तो कार्यकर्ता कसम देते थे कि बुधनी मत आना। मेरा चुनाव हमेशा कार्यकर्ताओं ने लड़ा, और मैंने भी कोई कसर नहीं छोड़ी।"
आगे उन्होंने कहा, "कांग्रेस के जमाने में सड़कें नहीं थीं, घोड़े पर बैठकर जाना पड़ता था। कभी सड़कों का निर्माण दिग्विजय सिंह के जमाने में हुआ, किन्तु वह क्रिकेट की पिच जैसी बनती थीं। कोई सड़क पर निकल जाए, तो हालत खराब हो जाती थी। यहां सिंगल लाइन तक नहीं थी, केवल पगडंडी थी। प्रदेश का बंटाधार कर दिया गया था। पहले हमने सिंगल लाइन बनाई, फिर डबल लेन, और अब फोर लेन शानदार सड़क बनी है। अब कुछ दिनों में छुक-छुक गाड़ी भी आने वाली है।" शिवराज ने कहा, "अभी जो बुधनी कभी जीते नहीं, वे जीतने की बात कर रहे हैं। मैं झारखंड का प्रभारी हूं; बताओ, क्या झारखंड चला जाऊं? चुनाव तुम ही लड़ना! बीच-बीच में मैं आऊंगा। वीडी शर्मा जी का हुक्म होगा, सीएम मोहन यादव कहेंगे, तो शिवराज सिंह चौहान आ जाएगा।"
उन्होंने बताया, "इसी बुधनी में स्कूल नहीं था। हमने उत्कृष्ट विद्यालय, सीएम राइज विद्यालय, आईटीआई कॉलेज, और मेडिकल कॉलेज बनाए। कांग्रेस के जमाने में केवल एक फसल होती थी, अब हमारे जमाने में तीन-तीन फसलें होती हैं। हमने सरकार नहीं, परिवार चलाया है। ये जो बैठे हैं, नेता या कार्यकर्ता नहीं, परिवार के सदस्य हैं। तुममें से एक बीमार हो जाता है, तो जब तक ठीक नहीं होता, तब तक मैं बेचैन रहता हूं। सड़क, बिजली, पानी, और सिंचाई के मामलों में हमने विकास की नई इबारत लिखी।"
उन्होंने कहा, "कांग्रेस आएगी नहीं, क्योंकि हरियाणा में भी उनकी हवा निकल गई है। किन्तु जितने विकास के काम चल रहे हैं, कांग्रेस कभी नहीं कर पाएगी। जब मैं चुनाव नहीं लड़ा, तो रमाकांत जी भी नहीं लड़ेंगे। मेरा चुनाव कार्यकर्ता लड़ते थे, तो रमाकांत जी का चुनाव भी कार्यकर्ता लड़ेंगे। यह चुनाव हमारा है, भाजपा का है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक गौरवशाली, वैभवशाली और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। बुधनी को लेकर जितने कागजात हमने मोहन यादव जी को दिए थे, सब पास हो गए। एक भाई दिल्ली गया तो क्या हुआ, इधर भी अपना भाई है।"
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